Health News: दोस्तो आज के आधुनिक युग (Modern Era) में खाने हेतु बहुत सारी सामाग्री आ गई और लोग उनको खा भी रहै हैं लेकिन उनको खाने से स्वस्थ्य पर भी असर पड़ता है। हमारे प्राचीन काल में मानव में लगभग 100 तक जीवन व्यतीत करते थे क्योंकि वह खान पान का ध्यान रखते थे और बीमारी नही होती थी । फल और हरी सब्जी खाने से व्यक्ति का जीवन स्वस्थ्य (life health) तो रहेगा ही साथ ही दिमाग भी तेज हो सकता है । बढ़ती उम्र के साथ दिमाग सिकुड़ता जाता है और दिमाग की कोशिकाएं भी नष्ट होती जाती हैं। इसका बहुत गहरा असर हमारे सीखने और याददाश्त पर पड़ता है। ऐसे में भूमध्यसागरीय आहार जिसमें फल, सब्जियां, जैतून का तेल और मछली शामिल हैं, से बहुत लाभ मिलता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि भूमध्यसागरीय आहार अधेड़ उम्र के लोगों के दिमाग का आयतन बढ़ाने में बहुत मददगार हो सकता है।
शोधकर्ताओं ने किया 1000 स्काटिश लोगों के खाने की आदतों का संग्रह
भूमध्यसागरीय आहार Mediterranean diet में सेम और आनाज जैसे गेहूं, चावल, मछली, दुग्ध उत्पाद, तय मात्रा में लाल मांस और पोल्ट्री भी शामिल हैं। स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर ने कहा, हमारी उम्र बढ़ने के साथ दिमाग सिकुड़ता है और हम दिमाग की कोशिकाओं को खो देते हैं। इसका असर हमारे सीखने और याददाश्त पर पड़ता है। इस अध्ययन से प्रमाण मिलता है कि भूमध्यसागरीय आहार का दिमाग के स्वास्थ्य पर सकारात्मक पड़ता है। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 1000 स्काटिश लोगों के खाने की आदतों का संग्रह किया। इनकी आयु करीब 70 साल रही और इन्हें डिमेंशिया नहीं थी। निष्कर्षो से पता चलता है कि भूमध्यसागरीय आहार का सही से पालन नहीं करने वालों में तीन साल बाद दिमाग के कुल आयतन में ज्यादा नुकसान देखने को मिला। यह नुकसान आहार का पालन करने वालों की तुलना में तीन गुना ज्यादा था।
ग्रे मैटर दिमाग की बाहरी परत
इसके अलावा मछली और मांस का उपयोग दिमाग में बदलाव से नहीं जुड़ा था। यह पहले के अध्ययन विपरीत रहा। उन्होंने कहा, यह संभव है कि भूमध्यसागरीय आहार के दूसरे घटक इस संबंध के लिए जिम्मेदार हों या यह सब सभी घटकों के संयोजन से हुआ हो। शोधकर्ताओं ने यह कहा कि, ग्रे मैटर के आयतन या कॉर्टिकल की मोटाई में और भूमध्यसागरीय आहार में कोई भी संबंध नहीं पाया गया। ग्रे मैटर दिमाग की बाहरी परत है।