Antimicrobial Resistance: जब कभी भी हमें सर्दी और खांसी हो जाती है तो हम एंटीबायोटिक दवाएं खाते हैं. ऐसा करने से हमें उस दौरान तो आराम मिल जाता है लेकिन ज्यादा एंटीबायोटिक दवाएं खाने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है. WHO की एक स्टडी के मुताबिक ज्यादा एंटीबायोटिक दवा खाने से एंटीमाइक्रोबियल और एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस ज्यादा बढ़ जाता है. WHO के अनुसार, कोविड के दौरान डर के कारण 75% लोगों ने एंटीबायोटिक का सेवन किया.
ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक दवाइयां खाने एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ जाता है. जब ज्यादा दवाइयों का सेवन करते हैं तो एंटीबैक्टीरियल, एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरस, एंटीफंगल्स सभी प्रकार की दवाइयों के लिए रेजिस्टेंस पैदा होता है तो उसे एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस कहा जाता है.
क्यों बढ़ रहा है एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस का खतरा ?
छोटी-छोटी समस्या में और जब शरीर को जरूरत नहीं है तब एंटीबायोटिक लेते हैं तो एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस खतरा बढ़ सकता है. वहीं, अगर समय से पहले या डोज मिस करते हैं तो बैक्टीरिया दोबारा शरीर में एक्टिव हो जाते हैं. जेनेटिक म्यूटेशन के जरिए बैक्टीरिया में बदलाव और उसका एंटी-एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस होने से भी खतरा बढ़ जाता है.
किन लोगों को है खतरा
एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस खतरा 1 महिने से लेकर 5 साल तक के बच्चे और 65 साल ज्यादा उम्र के लोगों को हो सकता है. वहीं, जो लोग लंबे समय से एंटीबायोटिक सेवन कर रहें और डायबिटीज, कैंसर, लिवर जैसी बीमारी का सामने करने वाले लोगों को भी इसका खतरा हो सकता है.
एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस से बचाव
एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस से बचने के लिए कभी मामूली तबीयत खराब होने पर एलोपैथिक दवाएं न खाएं. इससे पहले घरेलू उपाय का सहारा लें. अगर आपको कभी सीजनल वायरल इंफेक्शन हो तो वो 3-4 दिन में खुद ही ठीक हो जाता है. इसलिए सेहत ठीक होने का इंतजार करें. अपने आप मेडिकल स्टोर से दवा न खरीदें. इसके अलावा हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और फल-सब्जियां खाएं.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.