ब्रिटेन की रिपोर्ट में खालिस्तान समर्थक, हिंदू राष्ट्रवादी चरमपंथ’ को खतरा बताया

ब्रिटेन सरकार द्वारा जारी की गई एक नई रिपोर्ट में खालिस्तान समर्थक समूहों और हिंदू राष्ट्रवादियों के बीच बढ़ती गतिविधियों को 'खतरा' बताया गया है. इस रिपोर्ट में इन दोनों समूहों द्वारा किए गए उग्रवादी और चरमपंथी कृत्यों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है, जो ब्रिटेन के सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरे का कारण बन सकते हैं.

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Courtesy: social media

ब्रिटेन सरकार द्वारा जारी की गई एक नई रिपोर्ट में खालिस्तान समर्थक समूहों और हिंदू राष्ट्रवादियों के बीच बढ़ती गतिविधियों को 'खतरा' बताया गया है. इस रिपोर्ट में इन दोनों समूहों द्वारा किए गए उग्रवादी और चरमपंथी कृत्यों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है, जो ब्रिटेन के सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरे का कारण बन सकते हैं.

खालिस्तान समर्थक समूहों का बढ़ता प्रभाव

ब्रिटेन में बसे सिख समुदाय के कुछ हिस्सों में खालिस्तान के समर्थन में बढ़ती गतिविधियों को लेकर ब्रिटिश सुरक्षा एजेंसियों ने चेतावनी दी है. खालिस्तान एक स्वतंत्र सिख राज्य की अवधारणा है, और कुछ कट्टरपंथी समूह इस विचारधारा का प्रचार कर रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि इन समूहों की गतिविधियां न केवल भारत, बल्कि ब्रिटेन और अन्य देशों में भी बढ़ रही हैं, जो साम्प्रदायिक तनाव का कारण बन सकती हैं.

ब्रिटिश अधिकारियों के अनुसार, खालिस्तान समर्थक संगठन हाल के वर्षों में सार्वजनिक प्रदर्शन और विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रहे हैं, जो कभी-कभी हिंसक हो जाते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन समूहों द्वारा भड़काऊ भाषणों और उग्रवाद को बढ़ावा देने के कारण साम्प्रदायिक सौहार्द को खतरा हो सकता है.

हिंदू राष्ट्रवाद और उसके प्रभाव

वहीं, रिपोर्ट में हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों की गतिविधियों को भी 'चरमपंथ' के रूप में देखा गया है. हिंदू राष्ट्रवाद के समर्थक कुछ समूह, जो भारत में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से प्रेरित हैं, ब्रिटेन में भी अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं. इन समूहों द्वारा समाज में नफरत और भेदभाव फैलाने की कोशिश की जा रही है, जिससे एक खास समुदाय के खिलाफ शत्रुता बढ़ सकती है.

ब्रिटेन में हिंदू राष्ट्रवाद के समर्थन में बढ़ते हुए उग्रवाद और असहमति को लेकर भी सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इन गतिविधियों से समुदायों के बीच सांप्रदायिक विभाजन हो सकता है, जो सामाजिक शांति के लिए खतरे की बात है.

ब्रिटिश सरकार की प्रतिक्रिया

ब्रिटिश सरकार ने इस रिपोर्ट को बेहद गंभीरता से लिया है और सुरक्षा एजेंसियों को इन दोनों समूहों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. ब्रिटिश गृह मंत्री ने कहा, "हम किसी भी प्रकार के उग्रवाद और चरमपंथ को स्वीकार नहीं करेंगे और हम इन समूहों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेंगे."

ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक और हिंदू राष्ट्रवादी समूहों द्वारा बढ़ती उग्रवादिता और चरमपंथी गतिविधियां सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती हैं. इस रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि ब्रिटेन में विभिन्न धार्मिक और सांप्रदायिक समूहों के बीच बढ़ते तनाव और असहमति को नियंत्रित करना एक गंभीर मुद्दा बन चुका है. सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस खतरे से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि ब्रिटेन में साम्प्रदायिक सौहार्द और शांति बनी रहे.