'1,000 यूक्रेनी बच्चों को वापस लाने में मदद करें...', जेलेंस्की ने की पीएम मोदी से अपील

Volodymyr Zelenskyy: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी से यूक्रेन-रूस युद्ध के अंत में अहम भूमिका निभाने का आग्रह किया है. उन्होंने भारत से रूस पर आर्थिक दबाव बनाने और रूस द्वारा जबरन ले जाए गए 1,000 यूक्रेनी बच्चों की वापसी में सहायता की अपील की. जेलेंस्की ने शांति वार्ता में भारत की सक्रिय भागीदारी की उम्मीद जताई.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: Social Media

Volodymyr Zelenskyy: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका पर भरोसा जताया है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया के एक रिपोर्ट में जेलेंस्की ने कहा, "पीएम मोदी युद्ध के अंत को प्रभावित कर सकते हैं. किसी भी संघर्ष में उनका यह महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है, और यह भारत के लिए एक बड़ी भूमिका है." उन्होंने संकेत दिया कि पीएम मोदी द्वारा भारत में वार्ता आयोजित करना संभव हो सकता है.

जेलेंस्की ने इस दिशा में भारत से सक्रिय भूमिका की अपेक्षा की है, विशेषकर रूस की आर्थिक व्यवस्था, ऊर्जा संसाधनों और रक्षा उद्योग को रोकने के संदर्भ में. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह के कदम रूस की यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध छेड़ने की क्षमता को कमजोर कर सकते हैं. साथ ही जेलेंस्की ने पीएम मोदी से रूस द्वारा जबरन ले जाए गए 1,000 यूक्रेनी बच्चों को वापस लाने में सहायता की भी अपील की.

आगे बढ़कर प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद

वर्तमान में यूक्रेनी सेनाओं पर डोनबास क्षेत्र में रूस के हमलों का दबाव है और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के कारण उत्पन्न अनिश्चितता से कीव को अमेरिकी समर्थन कम होने का डर है. इस संदर्भ में अमेरिकी सहायता में कटौती यूक्रेन के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है, खासकर आगामी सर्दी के महीनों में जब रूस यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमले जारी रख सकता है.

नाटो सदस्यता और शांति वार्ता के बारे में पूछे जाने पर जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन केवल शांति बहाली के लिए नाटो में शामिल होना चाहता है और इसे रूस के साथ सौदेबाजी का विषय नहीं बनाना चाहता.

जेलेंस्की ने हाल ही में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की आलोचना करते हुए पुतिन पर वैश्विक ध्रुवीकरण का आरोप लगाया और कुछ प्रमुख नेताओं की अनुपस्थिति को एक विफलता के रूप में देखा. उन्होंने पीएम मोदी से सिर्फ़ शब्दों से आगे बढ़कर प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद जताई.