जानिए कौन था हसन नसरल्लाह, जिसने मचा रखा था चारों ओर आतंक

इजरायली सेना आईडीएफ ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर हवाई हमला किया, जिसमें हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह ढेर हो गया. इजरायली सेना ने इस हमले के बाद दावा किया कि अब दुनिया को हिजबुल्लाह से डरने की आवश्यकता नहीं है. खबरों की मानें तो इस हमले में नसरल्लाह की बेटी भी मारी गई है. 

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Courtesy: social media

शुक्रवार, 27 सितंबर को इजरायली सेना (IDF) ने लेबनान की राजधानी बेरूत पर एक बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत हो गई. इजरायली सेना ने इस हमले के बाद दावा किया कि अब दुनिया को हिजबुल्लाह के नेतृत्व से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है. इस हमले में नसरल्लाह की बेटी के भी मारे जाने की खबरें सामने आई हैं. हिजबुल्लाह के इस कद्दावर नेता की मौत ने वैश्विक राजनीति और आतंकवाद विरोधी रणनीतियों पर बड़ा प्रभाव डाला है.

कौन था आतंकी हसन नसरल्लाह?

इजरायल द्वारा घोषित आतंकी हसन नसरल्लाह का जन्म 31 अगस्त 1960 को बेरूत के उत्तरी इलाके बुर्ज हम्मूद में एक शिया मुस्लिम परिवार में हुआ था. उसके पिता एक किराना व्यापारी थे और उसका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था. नसरल्लाह की शुरुआती शिक्षा धार्मिक रही, और लेबनानी गृहयुद्ध (1975) ने उसके राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण को गहराई से प्रभावित किया.
1980 के दशक में हिजबुल्लाह के गठन के साथ, नसरल्लाह ने संगठन में एक प्रमुख भूमिका निभाई. 1992 में, हिजबुल्लाह के संस्थापक नेता अब्बास अल-मुसावी की हत्या के बाद, नसरल्लाह ने संगठन की बागडोर संभाली और उसे एक प्रभावशाली शक्ति में बदल दिया. नसरल्लाह के नेतृत्व में हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ कई बड़े हमले किए और खुद को एक प्रमुख राजनीतिक और सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित किया.

एक उग्रवादी संगठन है हिजबुल्लाह

हिजबुल्लाह (जिसका अर्थ है "अल्लाह की पार्टी") एक शिया मुस्लिम राजनीतिक और उग्रवादी संगठन है, जिसकी स्थापना 1980 के दशक में लेबनान के दक्षिणी क्षेत्र में हुई थी. संगठन का मुख्य उद्देश्य इजरायल को लेबनान से बाहर निकालना और पश्चिमी प्रभावों से लड़ना था. यह संगठन मुख्य रूप से ईरान और सीरिया द्वारा समर्थित रहा है, जबकि इजरायल और अमेरिका ने इसे एक आतंकवादी संगठन घोषित किया है.
नसरल्लाह के नेतृत्व में हिजबुल्लाह ने इजरायल और पश्चिमी देशों के खिलाफ कई हमले किए, जिनमें से कई हमले बेहद घातक थे. इस संगठन ने 2006 में इजरायल के खिलाफ हुए 34-दिन के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे वह क्षेत्र में एक सशक्त शक्ति बन गया.

कई आतंकी हमलों में शामिल रहे नसरल्लाह के बेटे

हसन नसरल्लाह के परिवार में पत्नी फातिमा और उनके चार बच्चे थे. उनका बड़ा बेटा 1997 में इजरायल के एक हमले में मारा गया था. नसरल्लाह की बेटी जैनब की भी शुक्रवार को बेरूत में इजरायली हमले में मारे जाने की खबरें हैं. नसरल्लाह के बेटे भी हिजबुल्लाह के आतंकी अभियानों में शामिल रहे हैं.

इजरायल के खिलाफ चलाए कई अभियान

नसरल्लाह इजरायल के प्रमुख विरोधियों में से एक थे और इजरायल सरकार ने कई बार उन्हें मारने की कोशिश की थी. नसरल्लाह ने 2014 में एक इंटरव्यू में बताया था कि वे इजरायल से डरते नहीं हैं और बंकर में छिपकर नहीं रहते. हालांकि, सुरक्षा कारणों से वे लगातार अलग-अलग स्थानों पर रहते थे.
हिजबुल्लाह के चीफ के तौर पर नसरल्लाह ने कई सशस्त्र संघर्षों का नेतृत्व किया, जिसमें इजरायल पर रॉकेट हमले शामिल थे. उनके कार्यकाल में हिजबुल्लाह ने कई सैन्य और राजनीतिक उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन इसके साथ ही इस संगठन के आतंकवादी अभियानों से क्षेत्रीय अस्थिरता भी बढ़ी.

वैश्विक खतरा था नसरल्लाह

हसन नसरल्लाह का नाम उन नेताओं में शामिल था, जिन्हें दुनिया के लिए बड़ा खतरा माना जाता था. हिजबुल्लाह का नेतृत्व करते हुए उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों का संचालन किया, जिससे मिडिल ईस्ट में तनाव और अस्थिरता बढ़ी. नसरल्लाह की मौत के बाद इजरायल और कई पश्चिमी देशों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि उनकी गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती मानी जाती थीं. इस घटना ने वैश्विक राजनीति में एक बड़ा मोड़ ला दिया है, और इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने की कोशिशें तेज हो सकती हैं. हिजबुल्लाह के नेतृत्व के बिना यह देखना बाकी है कि संगठन किस दिशा में आगे बढ़ेगा.