इंटरनेशनल न्यूज। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) के प्रॉसिक्यूटर करीम खान द्वारा गाजा युद्ध में हुए वॉर क्राइम्स के खिलाफ इजराइली प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री पर गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आवेदन किया गया है. प्रॉसिक्यूटर की इस मांग की इजराइली सरकार ने कड़े शब्दों में निंदा की है. अमेरिका ने भी इजराइल का साथ दिया है लेकिन कई देशों ने इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गिरफ्तारी वारंट पर बेल्जियम की विदेश मंत्री हादजा लाहबीब ने एक्स पर कहा, “गाजा में किए गए अपराधों पर उच्चतम स्तर पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए, चाहे अपराधी कोई भी हो.”
स्लोवेनिया के विदेश मंत्रालय ने भी इसी तरह का एक बयान जारी करते हुए कहा कि इजराइली और फिलिस्तीनी क्षेत्र पर किए गए युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों पर अपराधियों की परवाह किए बिना स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से मुकदमा चलाया जाना चाहिए.” मंत्रालय ने अपने बयान में ये भी लिखा कि अत्याचारों को रोकने और शांति की गारंटी के लिए जवाबदेही जरूरी है.
फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने यह कहा
इजराइल के करीबी दोस्त माने जाने वाले फ्रांस ने भी वारंट पर ICC का समर्थन किया है. फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ICC कई महीनों से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून उल्लंघन की चेतावनी दे रहा था. बयान में आगे कहा गया कि फ्रांस कोर्ट को समर्थन करता है और मानवीय संकट पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में ICC के साथ है.
यूरोपीय यूनियन के कुछ नेताओं इसे जायज ठहराया
यूरोपीय यूनियन के कुछ नेताओं ने इस निर्णय को अस्वीकार्य ठहराया है. चेक प्रधानमंत्री पेट्र फियाला ने लिखा, “एक इस्लामी आतंकवादी संगठन के नेताओं के साथ लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार के प्रतिनिधियों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी करने का ICC मुख्य प्रॉसिक्यूटर का प्रस्ताव भयावह और पूरी तरह से अस्वीकार्य है.” ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने भी इसी तरह की आपत्ति व्यक्त की है.
यह कार्रवाई असरदार नहीं है-सुनक
इसके अलावा UK सरकार ने भी ICC प्रॉसिक्यूटर के इस प्रस्ताव से खुद को अलग कर लिया. प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के एक प्रवक्ता ने कहा, “यह कार्रवाई लड़ाई को रोकने, बंधकों को बाहर निकालने या मानवीय मदद पहुंचाने और एक स्थायी युद्ध विराम की दिशा में प्रगति करने के लिए असरदार नहीं है.” अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइली नेताओं के गिरफ्तारी वारंट के लिए ICC के आवेदन को ‘अपमानजनक’ कहा है. बता दें कि इजराइल और अमेरिका ICC के मेंबर नहीं हैं फिर भी अगर ये वारंट जारी किया जाता है तो वे ICC की लंबी जांच के घेरे में आ जाएंगे.