Myanmar earthquake 2025: म्यांमार में 28 मार्च 2025 को आए भीषण भूकंप ने देश को हिलाकर रख दिया. 7.7 तीव्रता की इस प्राकृतिक आपदा ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया है और अब तक 1700 से ज़्यादा लोगों की जान ले ली है. विशेषज्ञों का मानना है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है.
राहत और बचाव अभियान जोरों पर है, वहीं म्यांमार की सैन्य सरकार ने अपने ही नागरिकों पर हवाई हमलों की बौछार शुरू कर दी है. यह क्रूरता उस देश में सामने आई है जो 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद से गृहयुद्ध की आग में जल रहा है.
भूकंप के बाद हवाई हमलों का कहर
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप के एक घंटे बाद ही म्यांमार की सेना ने विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले शुरू कर दिए. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय में म्यांमार टीम के प्रमुख जेम्स रोडेहेवर ने इसकी कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा, "ऐसा लग रहा था जैसे वे मलबे में फंसे लोगों की मदद कर रहे लोगों को निशाना बनाना चाहते थे." इस खुलासे से पता चलता है कि सैन्य शासन आपदा के समय भी अपनी क्रूर नीतियों से पीछे नहीं हट रहा है. विद्रोहियों पर हमले के नाम पर आम नागरिकों को भी निशाना बनाया जा रहा है.
كلمة رئيس مجلس السيادة القائد العام للقوات المسحلة الفريق أول الركن عبد الفتاح البرهان بمناسبة عيد الفطر المُبارك#سونا #السودان pic.twitter.com/cgXiUh3R24
— SUDAN News Agency (SUNA) 🇸🇩 (@SUNA_AGENCY) March 29, 2025
ऑपरेशन ब्रह्मा
इस संकट की घड़ी में भारत ने म्यांमार के प्रति मानवीय संवेदना दिखाई. भारत ने 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत पांच सैन्य विमानों में राहत सामग्री, दवाइयां, एनडीआरएफ की 80 सदस्यीय बचाव टीम और एक फील्ड अस्पताल भेजा. तीन सी-130जे और दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों के जरिए यह मदद म्यांमार पहुंचाई गई. दूसरी ओर, राष्ट्रीय एकता सरकार (एनयूजी) ने राहत कार्यों के लिए एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की, जो सैन्य जुंटा की क्रूरता के विपरीत एक सकारात्मक कदम है.