ट्रंप कार्ड! एलन मस्क भारत को सैटेलाइट भेजने में करेंगे मदद

India-US cooperation: अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 'प्रथम मित्र' की स्वामित्व वाली कम्पनी स्पेसएक्स, भारत की अंतरिक्ष एजेंसी के साथ हुए बहु-मिलियन डॉलर के सौदे की पहली बड़ी लाभार्थी है.

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India-US cooperation: भारत के सबसे उन्नत संचार उपग्रह जीसैट-एन2 का प्रक्षेपण अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा किया जाएगा. यह उपग्रह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा निर्मित है. भारी वजन के कारण इसे भारतीय रॉकेट से प्रक्षेपित नहीं किया जा सका. इस प्रक्षेपण से भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग को एक नई दिशा मिली है.

इसरो और स्पेसएक्स का सहयोग

यह प्रक्षेपण इसरो और स्पेसएक्स के बीच वाणिज्यिक अनुबंधों की शुरुआत का प्रतीक है. इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के प्रमुख राधाकृष्णन दुरैराज ने इसे एक लाभकारी सौदा बताया. उन्होंने कहा, “फाल्कन 9 रॉकेट पर इस उपग्रह को प्रक्षेपित करना हमारी जरूरतों और बजट के अनुसार उचित था.”

जीसैट-एन2 की विशेषताएं

4,700 किलोग्राम वजन वाला यह उपग्रह भारतीय संचार नेटवर्क को और अधिक सशक्त बनाएगा. यह 32 उपयोगकर्ता बीम से लैस है, जिसमें पूर्वोत्तर भारत के लिए 8 संकीर्ण बीम और शेष भारत के लिए 24 चौड़े बीम शामिल हैं. इन सुविधाओं के माध्यम से इन-फ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी सेवाओं में सुधार होगा. उपग्रह का मिशन जीवन 14 वर्षों का है.

एलन मस्क और पीएम मोदी का सहयोग

स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए भारत में निवेश की संभावनाओं पर उत्साह व्यक्त किया. जून 2023 में मस्क ने कहा, “भारत में दुनिया के किसी भी बड़े देश से अधिक संभावनाएं हैं. पीएम मोदी वास्तव में भारत की परवाह करते हैं.”

स्पेसएक्स के लिए अवसर

इसरो द्वारा निर्मित भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए भारत अब तक फ्रेंच एरियनस्पेस पर निर्भर था. लेकिन एरियनस्पेस के पास इस समय सक्रिय रॉकेट नहीं हैं, और रूस वाणिज्यिक प्रक्षेपण में सक्षम नहीं है. ऐसे में स्पेसएक्स भारत का मुख्य विकल्प बनकर उभरा है.

स्टारलिंक की भारत में योजना

एलन मस्क की स्टारलिंक भारत के ग्रामीण इलाकों में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए लाइसेंस का इंतजार कर रही है. दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया आवश्यक सुरक्षा मानकों को पूरा करने के बाद ही पूरी होगी.