तीसरा विश्व युद्ध शुरू! ईरान के बाद अब सीरिया के हमीम एयर बेस पर इजरायल ने किया हमला

Israel attacks Russia: ईरान के हमले के बाद नाराज इजरायल ने रूसी सेना पर हवाई हमला कर दिया है. दरअसल, ये सभी रूसी सैनिक सीरिया के हमीम एयर बेस पर तैनात थे. इस हमले ने पूरी दुनिया में चिंता पैदा कर दी है।

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Courtesy: Credit: Salam Hindustan

Israel attacks Russia: इस समय दुनिया भर में तबाही की छाई हुई है. ऐसे में ईरान-इजरायल के बीच चल रहे युद्ध के बीच इजरायल ने रूसी सेना पर हमला कर दिया, जो सीरिया के हमीमिम एयरबेस पर तैनात थे.ये सभी रूसी सैनिक सीरिया के पश्चिमी तट पर जबलेह के पास तैनात थे.इजरायली हमले के क्षेत्रीय और वैश्विक कूटनीति दोनों पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं. यह सीरिया में ईरान समर्थित बलों और बुनियादी ढांचे पर हमला करने के व्यापक इजरायली अभियान का हिस्सा है .

कमजोर हो रही रूसी वायु सेना!

रिपोर्ट के मुताबिक, 3 अक्टूबर 2024 की सुबह खमीमिम एयर बेस के आसपास के इलाकों पर ड्रोन और मिसाइल दोनों से हमला किया गया. सीरियाई और रूसी दोनों राज्यों की वायु रक्षा प्रणालियाँ चालू थीं, लेकिन हमलों को रोका नहीं जा सका.इस हमले से बेस की सुरक्षा में तैनात जवानों की मुश्किलें बढ़ गईं. जानकारी के मुताबिक, होनहार S-400 और पैंटिर-एस कॉम्प्लेक्स में कुछ कमियों के कारण इस हमले को रोकना संभव नहीं था .

दरअसल, मीमिम एयर बेस सीरिया में रूसी सैनिकों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है और सीरियाई वायु रक्षा प्रणालियों को मजबूत करता है.वे सीरियाई वायु सेना की भी रक्षा करते हैं.इजरायली सेना का मुख्य लक्ष्य ईरान समर्थित मिलिशिया के प्रभाव को रोकना और हिजबुल्लाह और सीरिया में सक्रिय अन्य समूहों के साथ हथियारों के आदान-प्रदान को रोकना है.

दुनिया में बन रहा तनाव का माहौल 

इजराइल ने सीरिया और पड़ोसी देशों पर हवाई हमले किए. इजरायल के पास खमीमिम पर हमले के व्यापक सबूत हैं.विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले से इजरायल और रूस के बीच तनाव बढ़ सकता है.आपको बता दें कि दोनों देश अपनी सेनाओं के साथ सीरिया में मौजूद हैं और उनके अलग-अलग हित हैं.चूँकि इजरायली ईरान के प्रभाव को कम करना चाहता है, सीरियाई सरकार के साथ रूस के अच्छे संबंध और उसके क्षेत्र पर रूसी सैनिकों की तैनाती अतिरिक्त समस्याएं पैदा कर सकती है.दुनिया की सबसे ताकतवर वायुसेना मानी जाने वाली रूसी वायुसेना की ये नाकामी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है.