गृहयुद्ध की तैयारी! आत्मरक्षा की आड़ में दे रहे थे हथियारों की ट्रेनिंग, ईडी ने जब्त की पीएफआई की संपत्तियां

Civil War: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की 56.56 करोड़ रुपये की 35 संपत्तियाँ जब्त की हैं. जांच में पता चला कि PFI के 13,000 से अधिक सदस्य सिंगापुर और खाड़ी देशों में हैं, जो धन इकट्ठा कर रहे थे. ईडी ने बताया कि PFI का असली उद्देश्य भारत में इस्लामी आंदोलन को बढ़ावा देना है.

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Courtesy: Social Media

Civil War: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बताया कि उसने 56.56 करोड़ रुपये की 35 संपत्तियाँ जब्त की हैं, जो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की हैं. ये संपत्तियाँ विभिन्न ट्रस्टों, कंपनियों और व्यक्तियों के नाम पर हैं. यह जब्ती धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई, जिसमें 16 अक्टूबर को 19 संपत्तियाँ और 16 अप्रैल को 16 संपत्तियाँ जब्त की गईं.

जांच में पता चला कि PFI के सिंगापुर और खाड़ी देशों में 13,000 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं, जिनमें कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. ED ने बताया कि संगठन ने इन देशों में प्रवासी मुसलमानों के लिए कार्यकारी समितियाँ बनाई थीं, जिनका काम धन इकट्ठा करना था.

ED ने कहा

बाहर से जुटाई गई धनराशि को PFI की आतंकवादी और गैरकानूनी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए घुमावदार बैंकिंग और हवाला चैनलों के माध्यम से भारत में लाया गया. ED ने कहा कि हर कार्यकारी समिति को धन संग्रह के लिए करोड़ों रुपये का लक्ष्य दिया गया था.

जांच में यह भी पाया गया कि PFI के असली उद्देश्य इसके संविधान में बताए गए उद्देश्यों से भिन्न हैं. वे खुद को एक सामाजिक आंदोलन बताते हैं, लेकिन उनके वास्तविक उद्देश्य भारत में इस्लामी आंदोलन का निर्माण करना है. PFI ने विरोध के अहिंसक तरीकों का दावा किया, लेकिन सबूत बताते हैं कि उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए तरीके हिंसक थे.

ED ने कहा कि PFI ने समाज में अशांति और संघर्ष पैदा करने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए, जैसे गृहयुद्ध की तैयारी करना और सरकार की एकता को कमजोर करना. संगठन ने शारीरिक शिक्षा की कक्षाओं में हथियारों का प्रशिक्षण भी दिया, जिसमें आक्रामक और रक्षात्मक युद्धाभ्यास सिखाया गया.

जांच में सामने आया कि PFI ने समाज में अशांति फैलाने के लिए कई कदम उठाए, जिनमें अधिकारियों को सताना, कानूनों का उल्लंघन और गुप्त एजेंटों का पहचानना शामिल है. 2013 का नारथ आर्म्स कैंप मामला भी इसी तरह का था, जिसमें PFI ने अपने सदस्यों को आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण दिया था.