Study Abroad: आज के समय में भी भारत के ज्यादा तर छात्र -छात्रा विदेश में पढ़ाई कर रहे है. इनमें से कुछ तो पैसे को लेकर सक्षम है, लेकिन कुछ अभी भी विदेश में काम करके उसी पैसों से अपना गुजरा कर रहे है. कुछ ऐसे देश भी है जो इन छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ काम करने की भी छूट देते है.
विदेश में पढ़ाई के दौरान, छात्रों को वर्क परमिट के माध्यम से काम करने की अनुमति होती है, जिससे वे अपने खर्चों को संभाल सकते हैं और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं. वर्क परमिट, जिसे वर्क वीजा भी कहा जाता है, छात्रों को नौकरी करने और वहां रहने की अनुमति देता है.
ये है इन देशों का लिस्ट
ऑस्ट्रेलिया: यहां छात्रों को दो हफ्तों में 48 घंटे काम करने की अनुमति है, और ब्रेक के दौरान असीमित घंटे काम किया जा सकता है. पोस्टग्रेजुएट रिसर्च छात्र अपने मास्टर या डॉक्टरेट डिग्री के दौरान अनलिमिटेड घंटे काम कर सकते हैं.
ब्रिटेन: ब्रिटेन में विदेशी छात्र हर हफ्ते 20 घंटे काम कर सकते हैं और सेमेस्टर ब्रेक के दौरान असीमित घंटे काम कर सकते हैं. यह अनुमति मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में फुल-टाइम डिग्री के छात्रों के लिए है.
जर्मनी: जर्मनी में छात्रों को हर हफ्ते 20 घंटे काम करने की अनुमति है, और सेमेस्टर ब्रेक में यह 40 घंटे तक बढ़ जाती है. आमतौर पर, छात्रों को साल में 120 दिन या 240 हाफ-डे काम करने की अनुमति होती है.
अमेरिका: अंतरराष्ट्रीय छात्रों को पढ़ाई के दौरान हर हफ्ते 20 घंटे काम करने की अनुमति होती है, जबकि छुट्टियों में यह 40 घंटे तक बढ़ जाती है. केवल एफ-1 वीजा धारक ही कैंपस के बाहर काम कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए एक एकेडमिक ईयर की पढ़ाई पूरी करनी होगी.
कनाडा: यहां अंतरराष्ट्रीय छात्रों को 20 घंटे प्रति सप्ताह काम करने की अनुमति होती है, और सेमेस्टर ब्रेक के दौरान असीमित घंटे काम किया जा सकता है. इस अवसर का लाभ केवल उन छात्रों को मिलता है जिनके पास वैध स्टडी परमिट है.