इस्लामाबाद। पाकिस्तान (pakistan) के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में बीते कुछ दिन से हालात काफी तनावपूर्ण हैं। महंगाई (Dearness) और बिजली बिलों (electricity bills) के मुद्दों को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन (pradarshan) में चार लोगों की मौत पीओके में हुई है। हिंसा भड़कने के बाद पाक प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) ने 23 अरब रुपए रिलीज करने का आदेश दिया, जिससे लोगों को महंगाई में राहत मिल सके। इस घोषणा के बाद हड़ताल वापस ले ली गई लेकिन लोगों का गुस्सा पूरी तरह से शांत नहीं है।
पीओके में लोग अभी भी कई मांगों पर मुखर हैं। पीओके के हालात को लेकर पाकिस्तानी यूट्यूबर आरजू काजमी (Pakistani YouTuber Arzoo Kazmi) ने स्कॉटलैंड में रहने वाले कश्मीरी कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा (Amjad Ayub Mirza) से बात की है। मिर्जा ने पीओके के हालात को लेकर पाकिस्तान के साथ-साथ भारत सरकार के रुख पर भी सवाल उठाया है।
कश्मीर के लोग भोले और सादे हैं-काजमी
काजमी से बात करते हुए अमजद अयूब मिर्जा ने कहा, ‘कश्मीर के लोग भोले और सादे हैं। प्यार से उनको आप जो कहोगे, वो मान लेंगे लेकिन जब आप रेंजर और सेना भेजकर उनको दबाएंगो तो फिर गुस्सा भड़केगा। इससे ये हुआ कि गुस्सा भड़का और लोगों ने पाकिस्तान के सुरक्षाकर्मियों को दौड़ाकर पीटा है। आज भले ही पाक सरकार के ऐलान के बाद मामला कुछ शांत दिख रहा हो लेकिन ये खत्म होने वाला नहीं है।’
कश्मीरी चाहते हैं अपना बैंक
मिर्जा ने आगे कहा, ‘पीओके के लोग एकदम खुश नहीं हैं। उनकी अब कुछ और नई मांगे भी सामने आई हैं। कश्मीरी चाहते हैं कि उनका अलग बैंक हो ताकि उनकी माली हालत सुलझे। कश्मीरी खुश नहीं हैं इसीलिए पाक सरकार के ऐलान के बावजूद अभी भी प्रदर्शन जारी हैं। कश्मीरियों का रुख इस वक्त साफ है कि वो अपना अलग देश चाहते हैं, वो भारत और पाकिस्तान, किसी के भी साथ नहीं रहना चाहते हैं।
लंदन में किया गया प्रदर्शन
मिर्जा ने ये भी कहा कि पाकिस्तान की सरकार और मीडिया तो इस पूरे प्रदर्शन को दिखाना ही नहीं चाहते थे। इनको दिखाना पड़ा, इसकी एक वजह तो ये है कि मीडिया में बड़ी तादाद में कश्मीरी हैं। दूसरी बात ये कि इस बार प्रदर्शन भी बहुत बड़ा था। मुजफ्फरबाद में बड़ी तादाद में लोग पहुंचे थे तो लंदन में भी प्रदर्शन हुआ। इस सबसे पाकिस्तान सरकार और मीडिया मजबूर हुआ कि इस ओर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि कश्मीर के संसाधन का इस्तेमाल आप करेंगे और वापस कुछ नहीं देंगे तो फिर लोग तो सड़कों पर जरूर उतरेंगे।
भारत के रुख ने भी निराश किया
मिर्जा ने ये भी कहा कि पीओके में जो हुआ, उस पर भारत ने भी उनको निराश किया है। भारत ने पाकिस्तानी राजदूत को तलब नहीं किया और ना ही यूएन में इस पर कोई बात कही। यहां तक कि कोई बयान भी भारत सरकार की ओर से नहीं आया। इससे तो यही लगता है कि भारत अपना हिस्से भले ही पीओके को कहे लेकिन यहां के लोगों की फिक्र उसको नहीं है। भारत का रुख इस मामले पर आक्रामक होना चाहिए था, जो नहीं दिखा है। उसने पीओके से पूरी तरह से नजर फेर ली है।