Divorce Cases With Ronald Reagan: क्या एक निजी परेशानी पूरे देश के कानून को बदल सकती है? अमेरिका के 40वें राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने ऐसा ही कुछ किया. अपनी पहली पत्नी जेन वायमन से तंग आकर उन्होंने तलाक के नियमों में ऐतिहासिक बदलाव कर दिया. कैलिफोर्निया के गवर्नर रहते हुए रीगन ने एक ऐसा कानून बनाया, जिसके बाद अमेरिका में तलाक की बाढ़-सी आ गई. आइए जानते हैं इस रोचक कहानी के पीछे का सच.
शादी का टूटना और आरोपों की शुरुआत
1940 में रोनाल्ड रीगन ने हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री जेन वायमन से शादी की. लेकिन यह रिश्ता ज्यादा दिन नहीं टिका. 1948 में जेन ने तलाक के लिए रीगन पर मानसिक क्रूरता का इल्जाम लगाया. उस दौर में अमेरिका में तलाक लेने के लिए कोई पुख्ता कारण बताना जरूरी था. इस झूठे आरोप से रीगन इतने परेशान हुए कि जब वे 1959 में कैलिफोर्निया के गवर्नर बने, तो उन्होंने तलाक के कानून को ही बदल डाला.
नो-फॉल्ट डिवोर्स का जन्म
रीगन ने गवर्नर के तौर पर एक नया आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि अब तलाक के लिए किसी को कारण नहीं बताना होगा. इसे 'नो-फॉल्ट डिवोर्स' कानून कहा गया. उनका मकसद था कि लोग आसानी से खराब रिश्तों से बाहर निकल सकें. लेकिन इस फैसले ने जो असर दिखाया, वह किसी ने सोचा भी नहीं था. नेशनल अफेयर्स मैगजीन के लेखक डब्लू बैडबॉर्ड विलकॉक्स लिखते हैं, रीगन के इस फैसले के बाद तलाक लेने वालों की बाढ़ आ गई.
तलाक की लहर और सामाजिक बदलाव
1960 से 1980 के बीच अमेरिका में तलाक की दर दोगुनी से भी ज्यादा हो गई. पहले हर 1,000 में 9 जोड़े तलाक लेते थे, जो बढ़कर 22 से अधिक हो गया. देखते ही देखते हजारों बच्चे माता-पिता के झगड़ों के बीच अकेले रह गए. इस कानून का असर अमेरिका से निकलकर पूरी दुनिया में फैला. आज भी जब बॉलीवुड स्टार गोविंदा और सुनीता आहुजा जैसी तलाक की खबरें चर्चा में हैं, तो रीगन का यह कदम याद आता है. लेकिन जब तलाक की बढ़ती संख्या पर विवाद छिड़ा, तो रीगन ने खेद जताया. उनका कहना था, इस कानून का उद्देश्य कुछ और था, 1981 में राष्ट्रपति बनने के बाद भी यह फैसला उनकी छवि का हिस्सा बना रहा.