Pakistan Blast: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अखोरा खट्टक में स्थित दारुल उलूम हक्कानिया मदरसे की मस्जिद में शुक्रवार, 28 फरवरी 2025 को जुमे की नमाज के दौरान एक भीषण आत्मघाती हमला हुआ. इस विस्फोट में 16 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. इस हमले में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-समी (JUI-S) के प्रमुख मौलाना हमीदुल हक हक्कानी की भी मौत हो गई. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह हमला मौलाना हमीदुल हक को निशाना बनाने के लिए किया गया था.
हमले का निशाना
खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) जुल्फिकार हमीद ने पुष्टि की कि यह एक आत्मघाती हमला था और इसका मुख्य लक्ष्य मौलाना हमीदुल हक थे. स्थानीय मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि हमलावर ने नमाज के दौरान मस्जिद की पहली पंक्ति में विस्फोट किया, जहां मौलाना मौजूद थे. विस्फोट के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हमले के पीछे की वजहों और जिम्मेदारों की तलाश में जुट गई हैं.
#Pakistan : Suicide blast during Friday prayers at Darul Uloom Haqqania, Akora Khattak. JUI-S chief Maulana Hamid-ul-Haq among the injured. Over 10 casualties reported. This madrassa is significant as it has produced top Taliban leaders, including Mullah Omar and Sirajuddin… pic.twitter.com/sc0Mfe524g
— Ghulam Abbas Shah (@ghulamabbasshah) February 28, 2025
दारुल उलूम हक्कानिया
दारुल उलूम हक्कानिया मदरसा अपनी कट्टर इस्लामी विचारधारा के लिए कुख्यात है और इसे तालिबान नेताओं का प्रशिक्षण केंद्र माना जाता है. 1947 में मौलाना अब्दुल हक हक्कानी द्वारा स्थापित यह संस्थान पाकिस्तान के सबसे बड़े और प्रभावशाली मदरसों में से एक है. इस हमले के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है.
कौन थे मौलाना हमीदुल हक हक्कानी?
मौलाना हमीदुल हक हक्कानी JUI-S के प्रमुख थे और 2018 में अपने पिता मौलाना समीउल हक की हत्या के बाद इस पद पर आए थे. उनके पिता को "तालिबान का जनक" कहा जाता था, जो अफगान तालिबान के कट्टर समर्थक थे. मौलाना हमीदुल हक 2002-2007 तक पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य भी रहे. उनकी मृत्यु को JUI-S के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
मदरसे का विवादित इतिहास
दारुल उलूम हक्कानिया का नाम अक्सर विवादों में रहा है. 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या के कुछ संदिग्धों से इसका कथित संबंध सामने आया था, हालांकि मदरसा प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज किया था. बीबीसी के अनुसार, इसके पूर्व छात्रों में तालिबान के बड़े नेता जैसे अमीर खान मुत्ताकी, हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी और खैरुल्लाह खैरख्वा शामिल हैं.
अफगानिस्तान से गहरा जुड़ाव
यह मदरसा लंबे समय से अफगान तालिबान के साथ जुड़ा रहा है. इसके कई स्नातक अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के शीर्ष पदों पर हैं. इस हमले ने एक बार फिर इस संस्थान को वैश्विक सुर्खियों में ला दिया है, जिससे पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.