Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अब न केवल क्षेत्रीय विवाद का मुद्दा है बल्कि मानवता के खिलाफ एक गंभीर अपराध के रूप में भी उजागर हो रहा है. इस संघर्ष जो दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप का सबसे लंबा युद्ध बन चुका है. अब एक ऐसा आरोप सामने आया है जिसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. यूक्रेन का दावा है कि रूसी सेना ने 19,556 बच्चों का अपहरण किया है और इस मुद्दे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा को तेज कर दिया है. ब्रिटेन की संसद से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक इन बच्चों की सुरक्षित वापसी की मांग जोर पकड़ रही है.
यूक्रेन के बच्चों पर संकट
यूक्रेन सरकार के अनुसार फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 19,546 बच्चे लापता हो चुके हैं. Childrenofwar.gov.ua की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 599 बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि 1,774 घायल हुए हैं. यूक्रेन का कहना है कि रूसी सैनिकों ने इन बच्चों को जबरन अपने कब्जे में लिया और उन्हें रूस ले जाया गया. इन बच्चों की उम्र 3 से 10 साल के बीच बताई जा रही है. अब तक केवल 388 बच्चे ही अपने परिवारों के पास लौट सके हैं जिससे यह सवाल उठता है कि बाकी बच्चों का क्या हुआ?
ब्रिटिश संसद में उठा मुद्दा
ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स में लेबर पार्टी की सांसद जोहाना बैक्सटर ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया. उन्होंने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से सवाल किया 'क्या आप इस बात से सहमत हैं कि यूक्रेन में स्थायी शांति के लिए रूस को पहले उन 19,556 बच्चों को वापस करना होगा जिन्हें उसने अगवा किया?' बैक्सटर ने जोर देकर कहा कि जब तक इन बच्चों की सुरक्षित वापसी नहीं होती शांति की कोई भी बातचीत बेमानी है. उनकी इस मांग को ब्रिटिश संसद में व्यापक समर्थन मिला.
पीएम स्टार्मर का जवाब
प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा आपका गुस्सा जायज है. इन बच्चों को अगवा करना एक गंभीर अपराध है. हम उनकी सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. बिना इसके शांति की कोई चर्चा आगे नहीं बढ़ सकती. स्टार्मर ने सांसद बैक्सटर को इस मुद्दे को उठाने के लिए धन्यवाद दिया और इसे बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लाने की जरूरत पर बल दिया.
बच्चों पर अत्याचार
रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है और अरबों डॉलर की संपत्ति नष्ट हो चुकी है. लेकिन बच्चों के अपहरण का यह आरोप युद्ध की क्रूरता को एक नई गहराई देता है. यूक्रेन का दावा है कि रूसी सेना ने इन बच्चों को न केवल अगवा किया बल्कि उनकी पहचान बदलकर उन्हें रूसी संस्कृति में ढालने की कोशिश की जा रही है. हालांकि रूस ने अभी तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता
यह मामला अब वैश्विक मंचों पर चर्चा का केंद्र बन गया है. संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठन इसकी जांच की मांग कर रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ये आरोप सही साबित होते हैं तो यह युद्ध अपराध की श्रेणी में आएगा जिसके लिए रूस को जवाबदेह ठहराया जा सकता है. बच्चों की वापसी के बिना शांति स्थापित करना लगभग असंभव माना जा रहा है.
रूस-यूक्रेन युद्ध ने जहां एक ओर भौगोलिक और आर्थिक नुकसान पहुंचाया वहीं बच्चों के अपहरण का यह मुद्दा मानवीय संकट की गंभीर स्थिति को उजागर करता है. 19,556 बच्चों की सुरक्षित वापसी अब न केवल यूक्रेन बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लेकर ब्रिटेन जैसे देशों तक इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई दे रही है. सवाल यह है कि क्या रूस इन मांगों का जवाब देगा या यह युद्ध और गहरा संकट पैदा करेगा?