अगर पुतिन बातचीत नहीं करते हैं तो रूस पर प्रतिबंध संभव: ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से कभी भी मिलने को तैयार हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने आगाह किया कि अगर रूस, यूक्रेन के मुद्दे पर बातचीत के लिए आगे नहीं आता है तो रूस पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: social media

वाशिंगटन: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भविष्य में बातचीत के लिए तैयार नहीं होते हैं, तो रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. ट्रंप ने यह बयान उस समय दिया जब रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक स्थिति को लेकर तनाव बढ़ रहा है. उनके अनुसार, पुतिन के साथ वार्ता का अवसर खोने का मतलब और भी गंभीर प्रतिबंधों का सामना करना हो सकता है, जो रूस की अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर असर डाल सकते हैं.

पुतिन के साथ वार्ता की अहमियत 

ट्रंप ने कहा कि पुतिन के साथ वार्ता जरूरी है, क्योंकि बातचीत से ही किसी भी विवाद का समाधान निकल सकता है. उन्होंने रूस पर दबाव डालते हुए कहा कि अगर पुतिन संवाद नहीं करते हैं, तो पश्चिमी देशों को मजबूरन कड़े कदम उठाने होंगे. उनका मानना था कि रूस को बातचीत के माध्यम से वैश्विक समस्याओं का समाधान तलाशना चाहिए, खासकर जब यूक्रेन के मुद्दे पर युद्ध और संघर्ष बढ़ते जा रहे हैं.

रूस पर और प्रतिबंधों का खतरा

रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद, ट्रंप का कहना था कि अगर पुतिन अपनी नीतियों में कोई बदलाव नहीं करते हैं और युद्ध को समाप्त करने के लिए कदम नहीं उठाते हैं, तो रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इन प्रतिबंधों का असर रूस की अर्थव्यवस्था पर बेहद नकारात्मक हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप रूस को और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.

यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप की स्थिति

ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में भी अपनी राय साझा की. उन्होंने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति होते, तो वे रूस और यूक्रेन के बीच जल्द से जल्द एक समझौते की ओर बढ़ने के लिए दोनों देशों के साथ वार्ता की संभावना तलाशते. उनका यह भी मानना था कि रूस के साथ संवाद स्थापित करना ही इस युद्ध को समाप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है.

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान एक बार फिर वैश्विक राजनीति में रूस और पश्चिमी देशों के रिश्तों को लेकर चर्चा का विषय बन गया है. उनके अनुसार, पुतिन के साथ बातचीत से ही युद्ध के समाधान का मार्ग प्रशस्त हो सकता है. हालांकि, यह स्पष्ट है कि अगर रूस और पुतिन इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाते हैं, तो रूस पर और भी कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जो उसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं.