Dunki Route: पंजाब के कपूरथला जिले के भोलाथ गांव की 30 वर्षीय लवप्रीत कौर अपने 10 वर्षीय बेटे के साथ 2 जनवरी को अमेरिका के लिए रवाना हुई थीं. उनका सपना अपने पति के पास जाने का था, जो पिछले कुछ सालों से अमेरिका में रह रहे हैं. लेकिन यह सपना तब टूट गया जब अमेरिकी सीमा अधिकारियों ने उन्हें मैक्सिको के रास्ते अवैध रूप से देश में प्रवेश करते समय पकड़ लिया.
परिवार ने इस सफर के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया था. उन्होंने ₹1.05 करोड़ की भारी रकम उन एजेंट्स को दी थी, जिन्होंने सुरक्षित यात्रा का भरोसा दिलाया था. लेकिन यह सफर बेहद खतरनाक और पीड़ादायक साबित हुआ.
कैसे हुई लवप्रीत की गिरफ्तारी?
सीधे अमेरिका पहुंचाने का वादा करने वाले एजेंटों ने उन्हें खतरनाक ‘डंकी रूट’ पर धकेल दिया. लवप्रीत और उनके बेटे को पहले कोलंबिया के मेडेलिन भेजा गया, जहां उन्हें लगभग दो हफ्ते तक रखा गया. इसके बाद उन्हें अल साल्वाडोर के सैन साल्वाडोर ले जाया गया. वहां से उन्होंने तीन घंटे पैदल चलकर ग्वाटेमाला का सफर तय किया और फिर टैक्सी के जरिए मैक्सिको के बॉर्डर तक पहुंची.
‘हमें बेड़ियों में जकड़ दिया गया’
लवप्रीत ने बताया कि जब हम अमेरिका पहुंचे, तो हमसे सिम कार्ड और गहने तक उतारने को कहा गया. मेरा सामान पहले ही खो चुका था, इसलिए मेरे पास जमा करने के लिए कुछ नहीं था. हमें पांच दिन तक एक कैंप में रखा गया और 2 फरवरी को कमर से पैरों तक बेड़ियों में जकड़ दिया गया. केवल बच्चों को बख्शा गया.
सबसे दर्दनाक पल वह था जब उन्हें बिना किसी जानकारी के 40 घंटे की फ्लाइट में बैठाया गया. लवप्रीत ने कहा कि हमें बताया तक नहीं गया कि हमें कहां ले जाया जा रहा है. जब फ्लाइट लैंड हुई, तो हमें अमृतसर एयरपोर्ट पर बताया गया कि हम भारत पहुंच चुके हैं. उस पल ऐसा लगा जैसे हमारे सारे सपने एक झटके में बिखर गए .
भारतीयों की वापसी पर बवाल
104 भारतीय अवैध प्रवासियों की अमेरिका से जबरन वापसी को लेकर विपक्ष ने संसद में विरोध जताया. कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा कि डिपोर्ट किए गए लोगों को हथकड़ियां पहनाई गईं, पैरों में बेड़ियां डाली गईं, यहां तक कि वे ठीक से वॉशरूम भी इस्तेमाल नहीं कर पाए. यह विवाद तब और बढ़ गया जब अमेरिकी प्रशासन द्वारा 25 जनवरी को ब्राजील में भी इसी तरह की डिपोर्टेशन फ्लाइट भेजी गई थी, जिस पर वहां की सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी.