Bangladesh News: बांग्लादेश में पाकिस्तान आर्मी की एंट्री को लेकर मोहम्मद यूनुस सरकार की प्रतिक्रिया ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को झटका दे दिया है. यूनुस ने स्पष्ट किया है कि बांग्लादेश में पाक सेना को काम करने की अनुमति देने की कोई योजना नहीं है. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के साथ बढ़ती नजदीकियों के दावे को भी खारिज कर दिया है. बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि सरकार सभी SAARC देशों के साथ रिश्ते बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है और इसी दिशा में कार्य कर रही है.
शहबाज शरीफ को झटका
SAARC आठ देशों का समूह है, जिसका पूरा नाम साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कॉपरेशन है. इसके सदस्यों देशों में बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान, भारत, श्रीलंका और अफगानिस्तान हैं. बांग्लादेश में पाकिस्तान आर्मी की एंट्री को लेकर मोहम्मद यूनुस सरकार की प्रतिक्रिया ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को झटका दे दिया है. यूनुस ने स्पष्ट किया है कि बांग्लादेश में पाक सेना को काम करने की अनुमति देने की कोई योजना नहीं है. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के साथ बढ़ती नजदीकियों के दावे को भी खारिज कर दिया है. बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि सरकार सभी SAARC देशों के साथ रिश्ते बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है और इसी दिशा में कार्य कर रही है.
शफीकुल आलम ने कहा कि मोहम्मद यूनुस सभी SAARC देशों, जिनमें पाकिस्तान भी शामिल है, SAARC देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करना चाहते हैं. इसी उद्देश्य से बांग्लादेश रिश्तों को सुधारने की दिशा में प्रयासरत है. हालांकि, यूनुस सरकार की ओर से बांग्लादेश में पाकिस्तानी सेना को काम करने की अनुमति देने का कोई इरादा नहीं है.
शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द
शफीकुल आलम ने यह भी जानकारी दी कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है. शेख हसीना पिछले साल अगस्त में हुए तख्तापलट के बाद प्रधानमंत्री पद छोड़कर भारत चली गई थीं और तब से वहीं रह रही हैं। जब उनसे इस विषय पर सवाल किया गया, तो शफीकुल आलम ने बताया कि यूनुस सरकार ने भारत को शेख हसीना के प्रत्यर्पण की इच्छा से अवगत करा दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि भारत इस पर जल्द प्रतिक्रिया देगा.
देश को नजरअंदाज कर दिया
शफीकुल आलम ने कहा कि शेख हसीना हत्या और लोगों को जबरन गायब करने जैसे कई गंभीर मामलों में वांछित हैं. इसके अलावा, उन पर भ्रष्टाचार के भी गंभीर आरोप हैं. उन्होंने दावा किया कि शेख हसीना का कार्यकाल मानवाधिकारों के उल्लंघन और हिंसा के लिए कुख्यात रहा. शफीकुल ने कहा कि शेख हसीना का ध्यान केवल अपने पिता, शेख मुजिबुर रहमान को बढ़ावा देने पर था. उन्होंने आरोप लगाया कि शेख हसीना ने केवल अपने पिता के चित्र और नाम को प्राथमिकता दी, जबकि देश के लिए योगदान देने वाले अन्य नेताओं को नजरअंदाज कर दिया गया.
जब शफीकुल आलम से पूछा गया कि क्या अब शेख मुजिबुर रहमान को बांग्लादेश के राष्ट्रपिता के रूप में नहीं माना जाएगा और क्या इतिहास की किताबों में संशोधन किया जाएगा, तो उन्होंने इस पर सीधे जवाब देने से बचते हुए कहा, हमने हमेशा यह कहा है कि वे भी बांग्लादेश के संस्थापक नेताओं में से एक थे.