PM Modi US Visit : अमेरिका के नए ‘अमेरिका फर्स्ट’ व्यापार एजेंडे और उसकी आव्रजन नीति को लेकर भारत में व्याप्त चिंताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ महत्वपूर्ण वार्ता करने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर वाशिंगटन पहुंचे.ट्रंप बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री की मेजबानी करेंगे. ट्रंप के पिछले महीने दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली द्विपक्षीय वार्ता होगी.
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ‘‘थोड़ी देर पहले वाशिंगटन डीसी पहुंचा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने और भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हूं. दोनों देश अपने लोगों के लाभ और बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करते रहेंगे.’’
#WATCH वाशिंगटन, डीसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्लेयर हाउस पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भारतीय समुदाय से मुलाकात की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2025
प्रधानमंत्री मोदी 12-13 फरवरी को अमेरिका के दौरे पर हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक करेंगे।
(सोर्स-डीडी/ANI) pic.twitter.com/G7OKQaVGK7
ब्लेयर हाउस’ में ठहरे हैं मोदी
मोदी राजधानी के मध्य में स्थित अमेरिकी राष्ट्रपति के अतिथि गृह ‘ब्लेयर हाउस’ में ठहरे हैं. ‘ब्लेयर हाउस’ में पहुंचने पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों ने मोदी का जोरदार स्वागत किया. कड़ाके की ठंड और बारिश के बावजूद समुदाय के सदस्य ‘ब्लेयर हाउस’ में एकत्र हुए. उन्होंने भारतीय एवं अमेरिकी झंडे लहराए और ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ एवं ‘मोदी मोदी’ के नारे लगाकर प्रधानमंत्री का अमेरिका में स्वागत किया.
मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ठंड के मौसम में गर्मजोशी से स्वागत. भारतीय प्रवासियों ने ठंड के बावजूद वाशिंगटन डीसी में मेरा बहुत ही खास स्वागत किया है. मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं.’’ प्रधानमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर ‘पोस्ट’ किया, ‘‘वाशिंगटन डीसी पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया.’’
प्रधानमंत्री ने कुछ तस्वीरें भी साझा कीं
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की और भारत-अमेरिका मित्रता पर चर्चा की. प्रधानमंत्री ने कहा कि गबार्ड भारत-अमेरिका संबंधों की प्रबल समर्थक रही हैं. मोदी ने 43 वर्षीय हिंदू-अमेरिकी गबार्ड की देश की शीर्ष खुफिया अधिकारी के रूप में नियुक्ति पर उन्हें बधाई दी. राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में गबार्ड की नियुक्ति को बुधवार को मंजूरी मिली थी. ट्रंप प्रशासन के किसी शीर्ष नेतृत्व के साथ मोदी की यह दूसरी मुलाकात है. इससे पहले फ्रांस में रात्रिभोज के दौरान उन्होंने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की थी जो ‘एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) शिखर सम्मेलन’ में भाग लेने के लिए वहां पहुंचे थे.
A warm reception in the winter chill!
— Narendra Modi (@narendramodi) February 13, 2025
Despite the cold weather, the Indian diaspora in Washington DC has welcomed me with a very special welcome. My gratitude to them. pic.twitter.com/H1LXWafTC2
मोदी और ट्रंप के बीच बैठक किस तरह का संकेत देगी
ट्रंप की शुल्क नीति से दुनिया भर में मची हलचल के बीच मोदी की इस यात्रा की यह प्राथमिकता होगी कि अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ की जा सकने वाली व्यापार संबंधी किसी भी कार्रवाई को रोका जा सके. भारत-अमेरिका संबंधों पर करीब से नजर रखने वाले विशेषज्ञों ने संभावना जताई कि दोनों पक्ष उच्च शुल्क से बचने और समग्र व्यापार समझौते पर विचार करने के विकल्प की संभावना तलाश रहे हैं. इस बैठक में मोदी और ट्रंप व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, प्रौद्योगिकी और आव्रजन जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि अपनी व्यक्तिगत मित्रता के लिए जाने जाने वाले मोदी और ट्रंप के बीच बैठक किस तरह का व्यापक संकेत देती है. बातचीत में आव्रजन और शुल्क जैसे संवेदनशील मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है.
104 भारतीयों को देश वापस भेजा गया था
प्रधानमंत्री की अमेरिकी राजधानी की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब कुछ दिन पहले ही ट्रंप प्रशासन ने 104 भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर एक सैन्य विमान से उनके देश वापस भेजा था, जिससे भारत में आक्रोश फैल गया था. पिछले सप्ताह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में कहा था कि भारत यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका के संपर्क में है कि निर्वासित किए जाने वाले भारतीयों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार नहीं हो. एक और बड़ा मुद्दा व्यापार का है क्योंकि ट्रंप की नीति प्रतिद्वंद्वियों और सहयोगियों दोनों पर शुल्क लगाने की है.
USBP and partners successfully returned illegal aliens to India, marking the farthest deportation flight yet using military transport. This mission underscores our commitment to enforcing immigration laws and ensuring swift removals.
— Chief Michael W. Banks (@USBPChief) February 5, 2025
If you cross illegally, you will be removed. pic.twitter.com/WW4OWYzWOf
मोदी की अमेरिका यात्रा ट्रंप द्वारा अमेरिका में वैश्विक इस्पात और एल्यूमीनियम आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क की घोषणा के तुरंत बाद हुई है. इस कदम से अमेरिका को इस्पात और एल्यूमीनियम निर्यात करने वाली भारतीय कंपनियों पर असर पड़ने की आशंका है. भारत ने पहले ही संकेत दिया है कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अपनाए गए सख्त रुख के विपरीत अपेक्षाकृत समझौतावादी रुख अपनाने के लिए तैयार है.
हिंद-प्रशांत, यूक्रेन और पश्चिम एशिया के घटनाक्रम पर चर्चा
माना जा रहा है कि ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) द्वारा कुछ संयमित रुख अपनाने पर भारत कम से कम 12 क्षेत्रों में शुल्क में कटौती करने पर विचार कर सकता है. मोदी और ट्रंप के शुल्क पर विशेष चर्चा करने की संभावना नहीं है, लेकिन दोनों नेता व्यापक मुद्दों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं. पिछले साल भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 130 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था. दोनों नेताओं के बीच हिंद-प्रशांत, यूक्रेन और पश्चिम एशिया के घटनाक्रम की समग्र स्थिति पर भी चर्चा होने की संभावना है.
मोदी और ट्रंप ने 27 जनवरी को फोन पर बातचीत के दौरान ऊर्जा एवं रक्षा के क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक ‘‘विश्वसनीय’’ साझेदारी की दिशा में काम करने का संकल्प जताया था. फोन पर बातचीत के बाद ‘व्हाइट हाउस’ ने कहा था कि ट्रंप ने अमेरिका में निर्मित सुरक्षा उपकरणों की भारत द्वारा खरीद बढ़ाने और निष्पक्ष द्विपक्षीय व्यापार संबंधों की दिशा में बढ़ने के महत्व पर जोर दिया.
ऐसी संभावना है कि बैठक के दौरान मोदी और ट्रंप ऊर्जा संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. भारत ने एक फरवरी को अपने परमाणु दायित्व कानून में संशोधन करने और परमाणु ऊर्जा मिशन स्थापित करने की योजना की घोषणा की थी. भारत के परमाणु क्षति के लिए असैन्य दायित्व अधिनियम, 2010 की कुछ धाराएं दोनों देशों के बीच 16 वर्ष पहले हुए ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौते के कार्यान्वयन में बाधा बन कर उभरी हैं.
मॉड्यूलर रिएक्टर’ (एसएमआर) पर विचार
ऐसा माना जा रहा है कि भारत छोटे ‘मॉड्यूलर रिएक्टर’ (एसएमआर) में अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु सहयोग की संभावना पर विचार कर रहा है. मोदी फ्रांस की यात्रा के बाद बुधवार शाम को अमेरिका की राजधानी पहुंचे. उन्होंने फ्रांस में देश के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) विषय पर ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट’ की सह-अध्यक्षता की थी. प्रधानमंत्री मोदी पिछले महीने ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद उनसे मुलाकात करने वाले चौथे विदेशी नेता हैं. ट्रंप इससे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात कर चुके हैं.