Emmanuel Macron: इन दिनों दुनिया की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है. एशिया से लेकर मध्य पूर्व, यूरोप और अमेरिका तक सभी देश महाशक्ति बनने की होड़ में एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं.
इस होड़ में चीन, रूस और अमेरिका सबसे आगे हैं, लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ऐसा दांव चला है कि पूरी दुनिया हैरान है. मैक्रों ने न सिर्फ रूस और अमेरिका को उलझा दिया है, बल्कि अपनी राजनीतिक स्थिति भी मजबूत कर ली है.
पुतिन को उलझन
फ्रांस ने यूक्रेन और रूस के बीच तनाव को और गहरा करने के लिए एक नया दांव चला है. मैक्रों ने घोषणा की है कि शांति वार्ता के बाद फ्रांस और उसके सहयोगी देश यूक्रेन में शांति सैनिक भेज सकते हैं. मैक्रों का बयान है कि पुतिन हिटलर की तरह काम कर रहे हैं और उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता.यह बयान रूस को भड़का सकता है, और यूरोप में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. रूस का कहना है कि फ्रांस जानबूझकर तनाव बढ़ा रहा है.
डेनमार्क को हथियार सप्लाई
अमेरिका और डेनमार्क के बीच ग्रीनलैंड को लेकर विवाद चल रहा है. अमेरिका ग्रीनलैंड पर दावा कर रहा है, जबकि डेनमार्क इसका विरोध कर रहा है. इसी बीच, फ्रांस ने चालाकी से डेनमार्क को उन्नत हथियार बेच दिए हैं. डेनमार्क ने फ्रांसीसी कंपनी से 130 बख्तरबंद वाहन और सैकड़ों मिस्ट्रल मिसाइलें खरीदी हैं. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, यह कदम अमेरिका के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है.
ली-पेन को चुनाव से बैन
2027 के फ्रांसीसी राष्ट्रपति चुनाव से पहले मैक्रों ने अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है. उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी, दक्षिणपंथी नेता मरीन ली-पेन को एक मामले में सजा मिली है, जिसकी वजह से उन्हें अगले 5 साल तक चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है. इससे मैक्रों का रास्ता साफ हो गया है, और अब 2027 में उनका सीधा मुकाबला नहीं होगा.