कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा यूएस में दिए एक बयान से सियासी घमासान जहां तेज हो गया था तो वहीं तीखी टिप्पणीयों का दौर भी शुरु हो गया. राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि- मोदी जी का 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संपर्क, यह सब अब इतिहास बन चुके हैं.’ राहुल के इस बयान के बाद उन्हें भाजपा के कई बड़े नेताओं की आलोचना का समाना करना पड़ रहा. अमेरिका पहुंचे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी इसे लेकर पीछे नहीं रहे. उन्होंने शुक्रवार को विनिर्माण क्षेत्र पर राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणी की व्यंगात्मक आलोचना की. पीयूष ने कहा कि राहुल गांधी को ज्ञान की कमी है. ऐसे में मेरी सहानुभूति उनके साथ है.
दरअसल पीयूष गोयल ने कहा कि- "मैं राहुल गांधी की विनिर्माण में कमी के बारे में जो रखते हैं मैं उस कमी की केवल सहानुभूति रख सकता हूं, क्योंकि मुझे नहीं पता कि वह किस नौकरी के नुकसान की बात कर रहे हैं." वह विदेशी धरती पर हैं और घरेलू राजनीति को विदेशी धरती पर लाना पसंद नहीं करते. राहुल गांधी को अपने देश का अपमान करते हैं और यह उनकी पहली पसंद बन चुका है.
वाशिंगटन डीसी में पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत के लोगों को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास में मोदी सरकार की भागीदारी रहेगी. साल 2047 तक एक भारत को विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाने की दिशा में काम कर रहा है. सामूहिक तौर पर भी भारत के लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन दुख की बात है कि कुछ लोग, जो संभवतः भारतीय उद्योग पर चीन के बढ़ते प्रभाव के लिए जिम्मेदार हैं, चीन की प्रशंसा या बचाव करना जारी रखते हैं." वैश्विक समुदाय अब चीन को एक अपारदर्शी और अपारदर्शी अर्थव्यवस्था के रूप में पहचानता है जो माल की डंपिंग के लिए जाना जाता है.
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि चीनी वस्तुओं से पैदान होने वाले खतरो को लेकर भी वह काफी चिंतित है. इसपर प्रतिबंध लगाया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने चीन के साथ भारत के महत्वपूर्ण व्यापार घाटे को भी उजागर किया. साल 2004 में लगभग 1.8 बिलियन डॉलर से बढ़कर अगले दशक में 43 बिलियन डॉलर हो गया। उन्होंने इसे शर्म की बात बताया कि भारत ने चीनी वस्तुओं को अपने बाजारों में बाढ़ आने दी, जिससे घरेलू विनिर्माण को नुकसान पहुंचा.