Bangladesh violence: बांग्लादेश में सरकार बदलने के बाद से लगातार हिन्दू हिंसा के शिकार हो रहे है. वही कुछ दिन पहले आध्यात्मिक उपदेशक चिन्मय कृष्ण को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल वो जेल में हैं. इस समय बांग्लादेश का माहौल हिन्दुओं के बहुत खराब हो गया है. एक तरफ से ये भी बोल सकते है कि बांग्लादेश अब हिन्दुओं के लिए सुरक्षति नहीं है.
चिन्मय कृष्ण दास पर क्या है आरोप?
दरअसल आज शुक्रवार को नमाज के बाद, ढाका में बिटुल मुकर्रम मस्जिद के बाहर हिफाजत-ए-इस्लाम से जुड़े नारे लगाए गए. साथ ही इस प्रदर्शन में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देख सकते है कि प्रदर्शनकारी कैसे झंडे के साथ हिफाजत-ए-इस्लाम का नारा लगा रहे है.
भारत के लिए सबसे दुःख की बात ये है कि उन सभी प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा पुलिस वाले कर रहे है. 27 नवंबर को चटगांव कोर्ट बिल्डिंग इलाके में पुलिस और चिन्मय कृष्ण दास को मानाने वाले लोगों के बीच झड़प में एक वकील की हत्या हो गई. इस घटना के बाद मामला और भी ज्यादा बढ़ गया.
चिन्मय कृष्ण दास पर आरोप है कि 25 अक्टूबर को चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहरा रहे थे. इसके बाद मामला और भी बढ़ गया. अभी भी वहां हिन्दुओं और इस्कॉन के खिलाफ प्रदर्शन जारी है.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
इस मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस समय कानूनी प्रक्रिया चल रही है. हमे उम्मीद है कि जल्द से जल्द निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके का फैसला आएगा. वही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार के मुद्दे को भारत लगातार उठा रहा है.
इसके साथ विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश की आंतरिक सरकार जल्द ही इस मुद्दे को सुलझाएंगी. उन्होंने चरमपंथी लोगों के बयानों को हर सिरे से नकार दिया है. अब देखना ये है कि कब तक इस मुद्दे पर फैसला आता है.