Iran US nuclear talks: अमेरिका और ईरान के बीच लंबे समय से जारी तनातनी के बीच अब दोनों देश अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता के रास्ते पर फिर से लौट आए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति की हालिया चेतावनियों के बाद दोनों देशों के बीच नई वार्ता की शुरुआत हुई है. इस बातचीत की मध्यस्थता ओमान कर रहा है, जिसने इससे पहले भी दोनों देशों को बातचीत की मेज़ पर लाने में भूमिका निभाई थी.
वार्ता को बताया गया 'रचनात्मक'
ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने वार्ता को 'रचनात्मक' करार देते हुए कहा कि तकनीकी विशेषज्ञों के बीच आगे की बातचीत अगले कुछ दिनों में होगी. साथ ही उन्होंने यह जानकारी भी दी कि वार्ता का अगला चरण 26 अप्रैल को ओमान में होगा. अमेरिका की प्रमुख शर्त यह है कि ईरान किसी भी हाल में परमाणु हथियार विकसित न करे, जबकि ईरान ने बदले में आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने की मांग रखी है.
रोम बैठक से बढ़ी उम्मीदें
रोम में हुई पिछली बैठक को दोनों पक्षों ने सकारात्मक बताया है. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि वार्ता में "काफी अच्छी प्रगति" हुई है, हालांकि अब तक अमेरिकी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है.
ओमान की कूटनीतिक भूमिका
ओमान ने फिर से शांति दूत की भूमिका निभाते हुए अमेरिका और ईरान के बीच संवाद को संभव बनाया है. ओमानी विदेश मंत्री बद्र अल-बुसैदी ने दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच संदेशों का आदान-प्रदान करवाया. यदि इस बार परमाणु समझौता संभव होता है, तो यह ओमान की एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि होगी.