Iran israel conflict: ईरान और इजरायल के बीच तनाव एक नए चरम पर पहुंच गया है. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका और इजरायल को कड़ी चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने दोनों देशों को "मुंहतोड़ जवाब" देने का संकल्प लिया. यह बयान ऐसे समय आया है जब इजरायल ने ईरानी सैन्य ठिकानों पर हमले किए हैं और अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपने बी-52 बमवर्षक विमानों की तैनाती की है.
ईरान का "मुंहतोड़ जवाब" देने का संकल्प
खामेनेई ने कहा कि ईरान और उसके सहयोगी आतंकवादी समूह, जैसे कि हमास और हिजबुल्लाह, दुश्मनों के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया देंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर अमेरिका और इजरायल ईरान और प्रतिरोधी मोर्चे के खिलाफ कोई कदम उठाते हैं, तो उन्हें "दांत तोड़ने वाली प्रतिक्रिया" का सामना करना पड़ेगा. यह बयान खामेनेई ने 1979 में अमेरिकी दूतावास पर कब्जे की सालगिरह के मौके पर तेहरान में आयोजित एक सभा में दिया.
इसी हफ्ते ईरान ने अपनी मिसाइल मारक क्षमता को बढ़ाने की ओर इशारा किया है. ईरान की सामरिक परिषद के प्रमुख कमाल खर्राजी ने कहा कि अगर ईरान पर कोई बड़ा खतरा मंडराता है, तो वह अपनी सैन्य नीति में बदलाव कर सकता है. खर्राजी ने यह भी कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने की क्षमता है, लेकिन सर्वोच्च नेता खामेनेई द्वारा परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध के चलते ऐसा नहीं किया जा रहा है.
अमेरिका की मध्य पूर्व में तैनाती और संभावित खतरे
अमेरिका ने मध्य पूर्व में बी-52 बमवर्षक विमानों की तैनाती की है, जिससे तनाव और भी बढ़ गया है. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि यदि ईरान या उसके सहयोगी अमेरिका पर हमला करते हैं, तो अमेरिका पूरी ताकत से अपनी रक्षा करेगा. इस तैनाती के बाद ईरान और इजरायल के बीच टकराव के बढ़ने की संभावना और भी बढ़ गई है.
इस संघर्ष ने दुनिया को दो गुटों में बांट दिया है. ईरान के समर्थन में रूस, चीन और कई मुस्लिम देश हैं, जबकि इजरायल का समर्थन अमेरिका, सऊदी अरब और अन्य पश्चिमी देश कर रहे हैं. इस कारण से विश्व में असमंजस और तनाव का माहौल है. अगर यह संघर्ष नहीं रुका तो दुनिया में व्यापक तबाही की आशंका जताई जा रही है.