भारतीय मूल के CEO ने इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि पर साधा निशाना, कहा- 'वे गलत हैं'

नंदन नीलेकणि के AI पर विचारों की आलोचना भारतीय मूल के पर्प्लेक्सिटी AI के सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर विचारों की आलोचना की है. श्रीनिवास ने कहा कि भारतीयों को AI तकनीक के केवल एक पहलू पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव देना गलत है.

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Artificial Intelligence: नंदन नीलेकणि के AI पर विचारों की आलोचना भारतीय मूल के पर्प्लेक्सिटी AI के सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर विचारों की आलोचना की है. श्रीनिवास ने कहा कि भारतीयों को AI तकनीक के केवल एक पहलू पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव देना गलत है.

AI मॉडल्स पर भारत को आगे बढ़ने की जरूरत

एक सोशल मीडिया पोस्ट में, श्रीनिवास ने नीलेकणि की तारीफ करते हुए उन्हें आश्चर्यजनक कहा और उनके प्रयासों को सराहा. उन्होंने लिखा कि नंदन नीलेकणि अद्भुत हैं. उन्होंने इंफोसिस और यूपीआई के जरिए भारत के लिए अविश्वसनीय योगदान दिया है. लेकिन भारतीयों को सिर्फ मौजूदा मॉडल्स पर काम करने और मॉडल ट्रेनिंग स्किल्स को नजरअंदाज करने के लिए प्रेरित करना गलत है. दोनों चीजें जरूरी हैं.

नीलेकणि के बयान के जवाब में श्रीनिवास ने कहा कि भारतीय एआई स्टार्टअप्स को बड़े भाषा मॉडलों (LLMs) को बनाने के बजाय व्यावहारिक AI अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. लेकिन उन्होंने जोर दिया कि भारत को AI मॉडल्स को ट्रेन करने के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाने चाहिए. उन्होंने लिखा, "मुझे लगता है कि भारत वही गलती कर रहा है जो मैंने परप्लेक्सिटी चलाते समय की थी. यह मान लेना कि मॉडल ट्रेनिंग में भारी धनराशि की जरूरत पड़ेगी."

ISRO से प्रेरणा लेने की अपील

31 वर्षीय सीईओ ने कहा कि भारत को AI विकास में ISRO की तरह काम करना चाहिए, जैसा कि स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने भी सराहा. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को ओपन-सोर्स मॉडल्स को दोबारा इस्तेमाल करने के बजाय अपनी क्षमता विकसित करनी चाहिए. ऐसे मॉडल्स बनाने चाहिए जो न केवल भारतीय भाषाओं के लिए बेहतर हों, बल्कि वैश्विक मानकों पर भी खरे उतरें.