US-Canada border: जनवरी 2022 में एक दुखद घटना में, एक भारतीय परिवार ने अमेरिका-कनाडा सीमा पार करते समय भीषण ठंड में अपनी जान गंवा दी. जगदीश पटेल, उनकी पत्नी वैशालीबेन, 11 वर्षीय बेटी विहांगी और तीन वर्षीय बेटा धर्मिक माइनस 38 डिग्री सेल्सियस तापमान में घंटों चलने के बाद जम कर मर गए.
तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश
अमेरिकी अभियोजकों का आरोप है कि इस तस्करी रैकेट का मास्टरमाइंड हर्षकुमार पटेल, उर्फ "डर्टी हैरी" था. वहीं, अमेरिका में ड्राइवर की भूमिका निभाने वाला स्टीव शैंड इस अभियान का हिस्सा था. 18 नवंबर से दोनों पर मुकदमा चलने वाला है. आरोप है कि यह नेटवर्क भारत के गरीब परिवारों को बेहतर भविष्य का झांसा देकर उनसे 90,000 डॉलर तक वसूलता था.
घातक रात में, पटेल परिवार बर्फीले खेतों और कठिन रास्तों को पार करते हुए मिनेसोटा में एक वैन तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था. उनके पास ठंड से बचने के लिए पर्याप्त कपड़े नहीं थे. 11 घंटे की इस मुश्किल यात्रा के बाद, परिवार अलग हो गया और उनके जमे हुए शव कनाडाई सीमा पर मिले.
गुजरात से अमेरिका तक की खतरनाक यात्रा
यह तस्करी नेटवर्क मुख्य रूप से गुजरात के कमजोर परिवारों को निशाना बनाता है. बेहतर जीवन के सपने में लोग अपनी संपत्ति बेचकर जोखिम भरी यात्रा पर निकलते हैं. वित्त वर्ष 2024 के यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) के आंकड़ों के अनुसार, कनाडा और मैक्सिको के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करते हुए 90,415 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से अधिकांश गुजरात के थे.
2023 की तुलना में गिरफ़्तारियों में कमी आई है, लेकिन कनाडा के वीज़ा की आसान सुविधा इसे गुजराती प्रवासियों के लिए लोकप्रिय बना रही है. इस रैकेट के खिलाफ कार्रवाई के बावजूद, अमेरिका में बेहतर भविष्य का सपना लोगों को जोखिम उठाने पर मजबूर कर रहा है.