अलर्ट मोड पर भारत, ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन बना रहा सबसे बड़ा बांध, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

चीन इस समय एक और बड़ा कारनामा करने वाला है, इस समय तिब्बत क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने जा रहा है, इसको लेकर 7 जनवरी 2024 को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत पहले ही अलर्ट मोड़ पर है.

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Brahmaputra River in India and China News: चीन इस समय एक और बड़ा कारनामा करने वाला है, इस समय तिब्बत क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने जा रहा है, इसको लेकर 7 जनवरी 2024 को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत पहले ही अलर्ट मोड़ पर है. चीन की ओर से ब्रह्मपुत्र पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने की योजना की घोषणा की गई, जिसके बाद भारत ने कहा कि वो अपने हितों की रक्षा के लिए हमेशा से तत्पर रहा है और वो इस बात की निगरानी भी कर रहा है. साथ ही समय आने पर भारत आवश्यक कदम उठाएगा.

दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगी अर्थव्यवस्था 

भारत इस मुद्दे पर चीन से पहले ही बात कर चुका है. भारत ने चीन से आग्रह किया है कि वह ब्रह्मपुत्र के निचले इलाकों के हितों पर ध्यान दे और यह सुनिश्चित करे कि इन गतिविधियों से किसी को नुकसान न पहुंचे. इस विषय पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि पहले जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कुछ कहता था तो लोग उसे गंभीरता से नहीं सुनते थे.

लेकिन अब जब भारत कहीं भी कुछ कहता है तो लोग उसे सुनते हैं. अब यह नया भारत है और हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है. पहले हमारी अर्थव्यवस्था 11वें स्थान पर थी लेकिन अब अर्थव्यवस्था 5वें स्थान पर आ गई है. अगले ढाई साल में यह अर्थव्यवस्था दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगी.

उन्होंने आगे कहा कि भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है. इसके साथ ही भारत नई तकनीक और इनोवेशन का इस्तेमाल कर आगे बढ़ रहा है. ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपरी हिस्से पर बांध बनाने की परियोजना पर भारत द्वारा चिंता जताए जाने के बाद चीन ने साफ कर दिया है कि इससे निचले इलाकों पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. आपको बता दें, ब्रह्मपुत्र के निचले इलाके में भारत और बांग्लादेश दोनों ही शामिल हैं.

तिब्बत पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने किया बड़ा दावा 

वही इस मामले को लेकर कई बड़े जानकारों का मानना है कि चीन की ओर से बनाए जाने वाले इस बांध से भारत के साथ-साथ दक्षिण एशियाई देशों पर भी प्रभाव पड़ सकता है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट की माने तो धर्मशाला में तिब्बत पॉलिसी इंस्टीट्यूट के उप निदेशक और शोधकर्ता टेम्पा ग्यालत्सेन ने इस मामले में जानकारी दी है.

उन्होंने कहा कि साल 2020 में ही इस बांध का विचार आया था. उस समय हमने व्यक्तिगत रूप से तिब्बत में चीन का सुपर बांध और भारत पर इसके प्रभाव नामक एक लिख भी लिखा था, जिसको अब आधिकारिक रूप से मंजूरी मिल गई है. इससे साफ जाहिर होता है कि निर्माण बहुत अब और भी तेजी से हो रहा है. अब इस बांध के बन जाने के बाद समझ आएगा कि इसका किन - किन देशों पर प्रभाव पड़ेगा.