इंटरनेशनल न्यूज। लंदन में भारतीय उच्चायोग पर 22 मार्च, 2023 को हुई हिंसा मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) दिल्ली ने स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दायर की है। इसमें खुलासा किया है कि भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स (केएलएफ) समर्थक इंदरपाल सिंह गाबा ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हिंसा करवाई थी। इसमें दो हजार से ज्यादा खालिस्तान समर्थक शामिल हुए थे।
खालिस्तान समर्थक आरोपी गाबा बीते साल ही दिसंबर में अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर पकड़ा गया था। वो पाकिस्तान से श्री दरबार साहिब माथा टेकने आ रहा था। एनआईए ने बताया कि इंदरपाल मूलरूप से दिल्ली का है और उसने ब्रिटेन की नागरिकता ले रखी है। इंदरपाल ने अवतार सिंह खंडा के कहने पर खालिस्तान के समर्थन में लंदन में भारतीय उच्चायोग में हुई हिंसा में भारत के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाई थी।
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लुकआउट सर्कुलर जारी
एनआईए ने बताया कि इंदरपाल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था और इस साल 25 अप्रैल को व्यापक जांच के बाद अलगाववादी गतिविधि में उसकी भूमिका स्थापित करने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। वो लंदन से पाकिस्तान आया और फिर अटारी बॉर्डर से भारतीय सीमा में दाखिल हुआ था। डॉक्यूमेंट जांच के दौरान उसे कस्टम विभाग ने हिरासत में ले लिया था।
अमृतपाल पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई के विरोध में हुई थी हिंसा
एनआईए ने गाबा का फोन अपने कब्जे में रखा है। उसके फोन से कई डाटा खंगाले गए हैं, जिनसे केएलएफ से जुड़े होने के सबूत मिलते हैं। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में यह भी खुलासा किया है कि वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हिंसा हुई थी। खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन करने व हमला करने की प्लानिंग की थी। इससे पंजाब में अलगावाद के जरिए खालिस्तानी मूवमेंट को आगे बढ़ाना था।