Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एच-1बी वीजा पर अपनी राय जाहिर की. उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के तर्कों को समझते हैं, लेकिन वह अमेरिका में योग्य लोगों का स्वागत करना पसंद करते हैं. यह बयान समाचार एजेंसी पीटीआई ने दिया.
ट्रंप ने कहा, "मुझे दोनों पक्षों की बात पसंद है, लेकिन मुझे ऐसे सक्षम लोग भी पसंद हैं जो हमारे देश में आएं. भले ही इसका मतलब हो कि वे यहां आकर उन लोगों को प्रशिक्षित करें, जिनके पास उनके जैसे कौशल नहीं हैं. मैं इसे रोकना नहीं चाहता…"
टेक्नोलॉजी के साथ महत्वपूर्ण
यह बयान उन्होंने ओरेकल के सीटीओ लैरी एलिसन, सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सोन और ओपन एआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन के साथ एक कार्यक्रम में दिया. ट्रंप ने बताया कि एच-1बी वीजा केवल टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य पेशेवर क्षेत्रों के लिए भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि योग्य लोग हमारे देश में आएं. मैं इस प्रोग्राम को अच्छी तरह जानता हूं. मैं खुद इसका उपयोग करता हूं. वेटर, वाइन एक्सपर्ट्स और यहां तक कि मैत्रे डी जैसी भूमिकाओं में भी सर्वश्रेष्ठ लोग चाहिए. लैरी जैसे लोग इंजीनियर्स चाहते हैं. नासा को भी इंजीनियर्स की उतनी ही जरूरत है, जितनी कभी नहीं थी.
एच-1बी पर विभाजित समर्थन
एच-1बी वीजा अमेरिकी समाज और ट्रंप के समर्थकों के बीच एक विवादास्पद मुद्दा है. टेस्ला के मालिक एलन मस्क जैसे लोग जहां इस प्रोग्राम का समर्थन करते हैं, वहीं कुछ इसे अमेरिकी नागरिकों के रोजगार के अवसर छीनने वाला मानते हैं. ट्रंप ने कहा कि हमारे पास गुणवत्ता वाले लोग आने चाहिए. इससे कारोबार का विस्तार होता है और सभी को फायदा होता है.
ट्रंप का सख्त फैसला
एच-1बी वीजा के समर्थक नजर आने वाले ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले ही दिन एक क्रांतिकारी कार्यकारी आदेश जारी किया. अमेरिकी नागरिकता के अर्थ और मूल्य की रक्षा शीर्षक वाले इस आदेश के तहत जन्मसिद्ध नागरिकता को खत्म कर दिया गया. इस आदेश के अनुसार, अमेरिका में जन्मे बच्चे के माता-पिता में से अगर कोई अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्ड धारक नहीं है, तो बच्चे को अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी. यह नियम 20 फरवरी से लागू होगा और इसका असर अस्थायी वीजा धारकों पर पड़ेगा.