इराक में आखिर कैसे 'पैदा' हो गए एक साथ 100 नसरल्लाह? 

हिज्जबुल्लाह कमांडर नसरल्लाह की मौत के बाद से ही उसके उत्तराधिकारी को लेकर कई नाम सामने आए. दूसरी तरफ इजरायल द्वारा हमले के 6 दिन बाद ही एक साथ 100 नसरल्लाह पैदा हो चुके हैं.

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Courtesy: Social Media

हिज्जबुल्लाह कमांडर नसरल्लाह की मौत के बाद से ही उसके उत्तराधिकारी को लेकर कई नाम सामने आए. दूसरी तरफ इजरायल द्वारा हमले के 6 दिन बाद ही एक साथ 100 नसरल्लाह पैदा हो चुके हैं. बता दें कि हिज्जबुल्लाह चीफ की हत्या के बाद उसके सम्मान में कई परिवार के लोगों ने अपने नवजात बच्चों का नाम नसरल्लाह रख दिया है. नसरल्लाह की मौत के उसका नाम जहां खबरों में छाया हुआ है तो दूसरी तऱफ एक साथ 100 परिवारों द्वारा अपने नवजात बच्चे का नाम नसरल्लाह रख दिखने से उसकी लोकप्रियता का बड़ जाना है. नसरल्लाह को इजरायल के खिलाफ चल रहे युद्ध व संघर्ष के प्रतिरोध का प्रतिक माना गया. ऐसे में एक नसरल्लाह तो मर गया है लेकिन बदले में 100 नरसल्लाह फिर से पैदा हो गए हैं. 

हवाई हमले में ढेर हो गया था नसरल्लाह

इजरायली द्वारा 27 सितंबर 2024 को एक हवाई हमले द्वारा हिज्बुल्लाह कमांडर हसन नसल्लाह को ढेर कर दिया गया था. यह हमला बेरुत के दहियेह इलाके में उसके मुख्यालय पर किया गया था. इस दौरान यहां की 6 इमारतें भी नष्ट हो गई थी. इजरायल ने इस हमले को अपने सबसे बड़ी कामयाबी बता था. लेकिन इस हादसे के बाद जहां कई देशों में नसरल्लाह की मौत को लेकर खुशी मनाई गई. तो दूसरी तरफ उसकी मौत के ठीक 6 दिन बाद 100 परिवारों द्वारा अपने नवजात बच्चों को नसरल्लाह नाम देने से उसकी लोकप्रियता को भी बड़ा दिया है. ऐसे में अरब देशों में एक साल 100 नसरल्लाह फिर से पैदा हो गए हैं. 


आखिर क्यों लोकप्रिय है नसरल्लाह का नाम

नसरल्लाह के नाम का अर्थ है ईश्वर की मदद, संघर्ष व प्रतिरोध की भावना, इलाक स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक दी गई एक ताजा रिपोर्ट की माने तो लेबनानी नसरल्लाह की मौत के बाद भी वह जिंदा है. क्योंकि 100 परिवारों ने एक साथ अपने पैदा हुए बच्चों का नाम नसरल्लाह रखा है. यह परिवार अलग-अलग इलाकों में हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा की नसरल्लाह भले ही इस दुनिया को छोड़ चुका हो लेकिन कहीं ना कहीं उसका नाम आज भी जिंदा है. उसके नाम ने लोगों के जहन में गहरी छाप छोड़ दी है. 

ऐसे छोड़ी छाप

असल में नसरल्लाह अरब देश के लिए एक ऐसा चेहरा बन चुका था, जिसने इजरायल के खिलाफ लड़ने के लगातार संघर्ष किया. इस संघर्ष में नसरल्लाह धर्म व देश के प्रति अपने कर्तव्य को निभाने के लिए हमेशा से ही आगे रहा. अरब की आवाम के बीच वह एक बड़े नेता के तौर पर उभर चुका था. नसरल्लाह की मौत के बाद मध्य पूर्व की राजनीति पर भी असर देखा गया है.