India-China border talks: भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते शुरू से ही अच्छे नहीं रहे हैं, लेकिन हाल ही में चीन और भारत के बीच वर्किंग मैकेनिज्म (WMCC) की 33वीं बैठक बीजिंग में हुई. इस बैठक में दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दे पर चर्चा की. भारत और चीन दोनों के प्रतिनिधियों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का निरीक्षण किया.
इस बैठक के बाद दोनों देशों के बीच सहयोग और आदान-प्रदान को फिर से शुरू करने की बात हुई. इसमें नदियों और कैलाश-मानसरोवर यात्रा का मुद्दा भी उठाया गया. इसके अलावा दोनों देशों की सीमा पर सभी काम सुचारू रूप से फिर से शुरू करने की बात भी हुई.
पर्याप्त तैयारी
चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा एवं महासागर मामलों के विभाग के महानिदेशक हांग लियांग ने किया. भारतीय विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया. इस दौरान उन्होंने अगले साल दिल्ली में होने वाली बैठक के लिए "पर्याप्त तैयारी" का आश्वासन भी दिया.
बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि चर्चा रचनात्मक और सकारात्मक माहौल में हुई. बैठक के बाद दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा का निरीक्षण किया. इस दौरान दोनों देशों की सीमा को लेकर कई बातों पर चर्चा हुई. इस दौरान उपायों और प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई.
चीनी राष्ट्रपति की मुलाकात
भारत और चीन ने एलएसी पर मुद्दों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य दोनों तंत्रों को बनाए रखने पर सहमति जताई है और इसे मजबूत करने पर भी सहमति जताई है. इस बैठक के बाद दास ने चीन के सहायक विदेश मंत्री होंग लेई से भी मुलाकात की. पिछले साल रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान जब पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी, तब दोनों ने संबंधों को सुधारने के लिए एलएसी पर 2020 से पहले की स्थिति पर लौटने की बात कही थी.