Hindu temple Priest Brampton: कनाडा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 'हिंसक बयानबाजी' के आरोप में निलंबित किए गए हिंदू पुजारी राजेश प्रसाद को बहाल कर दिया है. यह निर्णय कनाडा के हिंदू कनाडाई समुदाय और हिंदू कनाडाई फाउंडेशन द्वारा मामले में की गई जांच के बाद लिया गया.
फाउंडेशन ने स्पष्ट किया कि राजेश प्रसाद को अब किसी भी गलत काम से मुक्त कर दिया गया है और उन्हें पुजारी के रूप में उनके कर्तव्यों पर पुनः बहाल किया गया है.
क्या था पूरा मामला
यह मामला 3 नवंबर को ब्रैम्पटन स्थित हिंदू सभा मंदिर में हुए एक विवादास्पद घटनाक्रम से जुड़ा है, जब कथित रूप से खालिस्तानी समर्थक प्रदर्शनकारियों ने मंदिर के भीतर भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को बाधित किया था. इस घटना के बाद पुजारी राजेश प्रसाद को निलंबित कर दिया गया था, हालांकि हिंदू सभा ने उनकी गतिविधियों में किसी प्रकार की भागीदारी की पुष्टि नहीं की थी.
इसके बाद, एक गहन समीक्षा के बाद मंदिर प्रशासन ने उन्हें पुनः उनके पद पर बहाल कर दिया है. हिंदू कनाडाई फाउंडेशन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह घटना कनाडा में हिंदू समुदाय को बदनाम करने के लिए एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा प्रतीत होती है.
Rajender Prasad has been reinstated as the temple priest, cleared of any wrongdoing. The current situation reveals an ecosystem seemingly designed to defame Hindu Canadians and the Hindu community.@patrickbrownont Your role in this matter appears questionable, as you have… https://t.co/f2O8Yetwy7 pic.twitter.com/kJQLaIksUy
— Hindu Canadian Foundation (HCF) (@officialHinduCF) November 8, 2024
संगठन ने ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने बिना सबूत के पुजारी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया. फाउंडेशन ने यह भी बताया कि हिंदू समुदाय और ब्रैम्पटन में रहने वाले हिंदू नागरिक इस मामले में स्पष्टता की मांग कर रहे हैं.
एक संवेदनशील मुद्दा
कनाडा और भारत के बीच तनावपूर्ण कूटनीतिक माहौल के बीच यह घटना और भी संवेदनशील हो गई है. भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव उस समय बढ़ा था जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा था कि खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कनाडा में मौजूद भारतीय एजेंटों का हाथ हो सकता है.
भारत ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी समर्थक समूहों पर अपनी चिंता व्यक्त की थी. कनाडा में हिंदू समुदाय और उनके मंदिरों पर हो रहे हमलों के बीच यह बहाली एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और धार्मिक बयान बन गई है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव के बीच घटित हुई है.