Google Employees: गूगल में नौकरी की सुरक्षा को लेकर कर्मचारियों में चिंता बढ़ती जा रही है. सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों ने 'जॉब सिक्योरिटी' नाम से एक आंतरिक याचिका जारी की है. इस याचिका पर अब तक 1,250 से ज़्यादा कर्मचारी हस्ताक्षर कर चुके हैं. रिपोर्ट के अनुसार, गूगल में लगातार हो रही छंटनी, असफल उत्पाद लॉन्च और कर्मचारियों के विरोध के बीच यह कदम उठाया गया है.
गूगल CFO का संकेत
याचिका में कर्मचारी लिखते हैं, "हम, अमेरिका और कनाडा के विभिन्न कार्यालयों से जुड़े गूगल कर्मचारी, कंपनी में बढ़ती अस्थिरता को लेकर चिंतित हैं, जिससे हमारा उच्च-गुणवत्ता वाला और प्रभावशाली काम बाधित हो रहा है. लगातार छंटनियों के डर से असुरक्षा की भावना बनी हुई है. कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति के बावजूद बिना किसी स्पष्ट कारण के इतने महत्वपूर्ण सहयोगियों को खोना बेहद निराशाजनक है."
गूगल की नई CFO अनात अश्केनाज़ी ने अक्टूबर 2024 में स्पष्ट किया था कि 2025 में AI इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने के लिए कंपनी लागत में कटौती करेगी. इस घोषणा के बाद गूगल कर्मचारियों में चिंता बढ़ गई और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
याचिका में गूगल के CEO सुंदर पिचाई से तीन प्रमुख मांगें की गई हैं:
गूगल ने दी सफाई
कर्मचारियों ने गूगल की परफॉर्मेंस रिव्यू प्रणाली GRAD पर भी सवाल उठाए हैं. उनका आरोप है कि कंपनी जानबूझकर कम प्रदर्शन दिखाकर कर्मचारियों को निकालने का बहाना बना रही है.
गूगल के प्रवक्ता ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा, "हमारी परफॉर्मेंस रेटिंग सिस्टम GRAD में कोई अनिवार्य रेटिंग वितरण नहीं होता. प्रत्येक कर्मचारी का मूल्यांकन उसकी व्यक्तिगत प्रदर्शन, भूमिका, स्तर और निर्धारित अपेक्षाओं के आधार पर किया जाता है."
2023 जैसी मांग
याचिका में यह भी मांग की गई है कि निकाले गए कर्मचारियों को वही सेवरेंस पैकेज दिया जाए, जो जनवरी 2023 में 12,000 से अधिक कर्मचारियों को मिला था. उस समय कर्मचारियों को 16 हफ्ते की सैलरी के साथ हर अतिरिक्त सेवा वर्ष के लिए दो सप्ताह की सैलरी दी गई थी. हालांकि, बाद की छंटनियों में सेवरेंस पैकेज में बदलाव किया गया, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ गया है.