Karaj Nuclear Power Plant: इस समय दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध के संकेत मिल रहे हैं. एक तरफ इजराइल और ईरान के बीच युद्ध चल रहा है, तो दूसरी तरफ रूस और यूक्रेन की स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है. इन सबके बीच दुनिया के सभी बड़े देश ब्रिक्स सम्मेलन को लेकर व्यस्त हैं. अब सबकी नज़र अमेरिका पर है. क्योंकि जहां हमास, हिजबुल्लाह, तुर्की, रूस और कई दूसरे मुस्लिम देश ईरान के साथ खड़े हैं, वहीं दुनिया की सबसे बड़ी ताकत अमेरिका इजराइल के साथ खड़ा है. यह तो समय आने पर ही पता चलेगा कि क्या हुआ है.
अभी तक नहीं हुई पुष्टि
ईरान के करज परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग लगने की घटना सामने आई है. इजरायली मीडिया के अनुसार, एक विपक्षी समूह ने इस आग के बारे में जानकारी दी है. आग लगने के कारणों और संभावित हताहतों की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, लेकिन फुटेज में संयंत्र को धुएं में लिपटा हुआ देखा गया है.
#BREAKING: Initial reports from an Iranian opposition group claim a fire has broken out at the nuclear power plant in Karaj. Regime-affiliated Iranian media is reportedly silent as images of the fire emerge. https://t.co/9JH0mP7d0x
— Israel War Room (@IsraelWarRoom) October 24, 2024
यह घटना तुर्की की विमानन कंपनी TUSAS के मुख्यालय पर हुए हमले के एक दिन बाद हुई है, जिसमें पांच लोग मारे गए और चौदह अन्य घायल हो गए थे. तुर्की सुरक्षा बलों ने इस हमले में शामिल दो आतंकवादियों को मार गिराया.
राष्ट्रीय खुफिया संगठन को बनाया निशाना
हमले के जवाब में तुर्की ने सीरिया और इराक में संदिग्ध कुर्द आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए हैं. इन हमलों में राष्ट्रीय खुफिया संगठन ने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) और उसके सहयोगियों की सुविधाओं को निशाना बनाया है, जिसमें सशस्त्र ड्रोन का भी उपयोग किया गया है.
Fire at Iranian nuclear power plant in Karaj. Iranian state media is silent. Iranian media is quite on this one. They probably have no clue. How did Israel manage it? pic.twitter.com/OzWblMzgjF
— Imtiaz Mahmood (@ImtiazMadmood) October 24, 2024
करज परमाणु सुविधा पहले भी हमलों का शिकार रह चुकी है. 2022 में, ईरानी अधिकारियों ने साइट पर हुए "आतंकवादी हमले" के बाद सेंट्रीफ्यूज मशीनों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया था, जिसका आरोप इजराइल पर लगाया गया था. यह संयंत्र ईरान के व्यापक परमाणु कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय जांच के दायरे में रहा है.