भूकंप से तिब्बत में भारी तबाही, 126 लोगों की मौत, 100 से अधिक घायल... नेपाल और भारत में भी असर

मंगलवार सुबह नेपाल-तिब्बत सीमा क्षेत्र में 7.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आने से भारी तबाही मच गई. मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि तिब्बत में भूकंप से 126 लोगों की मौत, 100 से अधिक घायल हुए हैं. वहीं कई इमारतें भी ढह गईं हैं.

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Courtesy: Earthquake

Earthquake : मंगलवार सुबह नेपाल सीमा के पास तिब्बत में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, भूकंप के झटकों और इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में इमारतें गिरने से अब तक 126 लोगों की मौत हो चुकी है.

बिहार, दिल्ली-एनसीआर, असम और पश्चिम बंगाल सहित भारत के कई हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये.

 

शिज़ांग में चार भूकंप आए
भूकंप का केंद्र अक्षांश 28.86 उत्तरी अक्षांश और देशांतर 87.51 पूर्वी अक्षांश पर स्थित था. NCS के अनुसार, शिज़ांग में चार भूकंप आए. पहला भूकंप सुबह 5:41 बजे रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता का था, दूसरा और सबसे बड़ा (7.1) सुबह 6:35 बजे, तीसरा भूकंप सुबह 7:02 बजे 4.7 तीव्रता का था और चौथा भूकंप 7:07 बजे 4.9 तीव्रता का था. NCS ने इस क्षेत्र में आए कुछ और भूकंपों का विवरण साझा किया है. हालांकि, वे बहुत शक्तिशाली नहीं थे.

शिज़ांग में ऊंचाई पर स्थित डिंगरी काउंटी में लगभग 62,000 लोग रहते हैं और यह माउंट एवरेस्ट पर स्थित है. यहां शून्य से नीचे के तापमान के बीच कई इमारतें ढह चुकी हैं.

बिहार के शिवहर में भूकंप के झटके महसूस किए गए, रिक्टर पैमाने पर 7.1 की तीव्रता वाला भूकंप आज ​​06:35:16 IST पर नेपाल के लोबुचे से 93 किमी उत्तर पूर्व में आया
मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया, मुंगेर, अररिया, सीतामढी, गोपालगंज, वैशाली, नवादा और नालंदा समेत बिहार के कई हिस्सों में करीब 30 सेकेंड तक झटके महसूस किये गये. 

समाचार एजेंसी ANI के साथ अपना अनुभव साझा करते हुए काठमांडू निवासी मीरा अधिकारी ने बताया कि जब 7.1 तीव्रता का भूकंप आया तब वह सो रही थीं. उन्होंने कहा, बिस्तर हिल रहा था और मुझे लगा कि मेरा बच्चा बिस्तर हिला रहा है, मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन खिड़की के हिलने से मुझे लगा कि भूकंप आ गया है. फिर मैंने जल्दी से अपने बच्चे को बुलाया और घर से बाहर निकलकर खुले मैदान में आ गई.

नेपाल में तीव्र भूकंप
काठमांडू के साथ-साथ नेपाल में एवरेस्ट के निकट ऊंचे पहाड़ों पर लोबुचे के आसपास के क्षेत्र भी भूकंप और उसके बाद आए झटकों से हिल गए. नेपाल के नामचे क्षेत्र, जो एवरेस्ट के नजदीक है, वहीं के सरकारी अधिकारी जगत प्रसाद भुसाल ने कहा, यहां भूकंप काफी जोरदार था, यहां हर कोई जाग रहा है.

2015 में 9,000 लोग मारे गए थे
नेपाल भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटों के संगम पर स्थित होने के कारण भूकंप के प्रति संवेदनशील है. इन प्लेटों के बीच चल रही टक्कर और दबाव के कारण अक्सर भूकंपीय गतिविधि उत्पन्न होती है. 2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में लगभग 9,000 लोग मारे गए थे और 22,000 से अधिक घायल हुए थे, जिससे पांच लाख से अधिक घर नष्ट हो गए थे. भारत के बिहार राज्य में भी भूकंप के कुछ झटके महसूस किये गये लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

चीन का सबसे घातक भूकंप
पिछले वर्ष जनवरी में चीन-किर्गिज़स्तान सीमा पर 7.0 तीव्रता के भूकंप में तीन लोग मारे गए थे और दर्जनों घायल हो गए थे. दिसंबर 2023 में उत्तर-पश्चिम चीन में आए भूकंप से 148 लोग मारे गए और गांसु प्रांत में हजारों लोग विस्थापित हो गए थे. यह भूकंप 2014 के बाद से चीन का सबसे घातक भूकंप था, जब दक्षिण-पश्चिमी युन्नान प्रांत में 600 से अधिक लोग मारे गए थे.