Sudan war: सूडान में पिछले दो सालों से चल रहा खूनी गृहयुद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. विद्रोही रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के खिलाफ लड़ाई में सूडानी सशस्त्र बलों (SAF) को बड़ी सफलता मिली है. सेना ने राजधानी खार्तूम समेत कई अहम इलाकों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है.
राष्ट्रपति कार्यालय और खार्तूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कब्जे के बाद उम्मीद जगी थी कि अब यह विनाशकारी युद्ध खत्म हो सकता है, लेकिन सेना प्रमुख अब्देल फतह अल-बुरहान ने इस धारणा को खारिज कर दिया है. उनके हालिया बयान से संकेत मिलता है कि सूडान में संघर्ष अभी लंबा चल सकता है.
सेना की ताजा कामयाबी
शनिवार को SAF ने पश्चिमी ओमदुरमन और सूक लीबिया बाजार सहित कई नए इलाकों पर नियंत्रण का दावा किया. सूक लीबिया, सूडान का एक प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र, पर कब्जा सेना के लिए रणनीतिक जीत मानी जा रही है.
सेना ने अपने बयान में कहा कि RSF के पीछे हटने के बाद छोड़े गए हथियार और उपकरण भी जब्त कर लिए गए हैं. दो साल के इस युद्ध ने न केवल हजारों लोगों की जान ली, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकट को भी जन्म दिया है.
क्या लंबा चलेगा संघर्ष?
ईद-उल-फ़ितर के अवसर पर एक भाषण में अब्देल फ़तह अल-बुरहान ने कहा कि जीत की खुशी तब तक पूरी नहीं होगी जब तक सूडान की धरती के हर कोने से आखिरी विद्रोही का सफ़ाया नहीं हो जाता. उन्होंने आगे कहा, "हम अपने शहीदों के बलिदान को नज़रअंदाज़ नहीं करेंगे.
युद्ध ने देश और लोगों को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुँचाया है, हम समझौता या बातचीत नहीं करेंगे. मिलिशिया को अपने हथियार डालने होंगे." अल-बुरहान ने विद्रोहियों के खिलाफ़ सेना के साथ लड़ने वाले समूहों का शुक्रिया अदा किया और आरएसएफ को कुचलने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
सेना प्रमुख के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि सूडान में शांति का रास्ता अभी भी बहुत दूर है. एसएएफ की प्रगति के बावजूद विद्रोहियों के खिलाफ निर्णायक जीत हासिल करना अभी बाकी है. यह युद्ध न केवल सूडान के लिए बल्कि वैश्विक मानवीय स्थिति के लिए भी एक चुनौती बना हुआ है.