चीन ने दिखाई अपनी ताकत, अमेरिका को बड़ा झटका! क्या घुटनों पर आएंगे ट्रंप?

अमेरिका और चीन के बीच चल रहा टैरिफ युद्ध अब एक नए और तीखे मोड़ पर पहुंच गया है. अमेरिका ने हाल ही में चीनी उत्पादों पर 145 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगा दिया, जबकि चीन ने जवाबी कदम उठाते हुए अमेरिकी उत्पादों पर 125 प्रतिशत तक का टैरिफ थोप दिया.

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Courtesy: China US Trade

China US Trade: अमेरिका और चीन के बीच चल रहा टैरिफ युद्ध अब एक नए और तीखे मोड़ पर पहुंच गया है. अमेरिका ने हाल ही में चीनी उत्पादों पर 145 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगा दिया, जबकि चीन ने जवाबी कदम उठाते हुए अमेरिकी उत्पादों पर 125 प्रतिशत तक का टैरिफ थोप दिया. लेकिन इस बार चीन ने सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं की, बल्कि एक ऐसा डेटा पेश कर दिया है जिसने अमेरिका को झकझोर कर रख दिया है – खासकर डोनाल्ड ट्रंप को, जिनकी सख्त व्यापार नीतियों की अब परीक्षा हो रही है.

 ट्रंप की उम्मीदों पर पानी

मार्च 2025 में चीन ने अमेरिका के साथ व्यापार में 27.6 अरब डॉलर का सरप्लस हासिल किया. साल की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच यह आंकड़ा बढ़कर 76.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया. मार्च महीने में चीन के निर्यात में सालाना आधार पर 12.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि आयात में 4.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. इससे स्पष्ट है कि अमेरिकी टैरिफ के बावजूद चीन का एक्सपोर्ट मजबूत बना हुआ है.

ट्रंप के टैरिफ पर सवाल

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए रिकॉर्ड तोड़ टैरिफ का उद्देश्य चीन को व्यापार वार्ता में झुकाना था. लेकिन चीन के ताजा आंकड़े बताते हैं कि न केवल वह झुका नहीं है, बल्कि उसने अपने निर्यात को अन्य बाजारों में मोड़कर अमेरिका पर निर्भरता कम कर ली है. दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में चीन के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. मार्च में वियतनाम को निर्यात 17% और अफ्रीका को 11% से अधिक बढ़ा है.

‘चीन घुटने नहीं टेकेगा’ – ल्यू डालियांग

चीनी सीमा शुल्क प्रशासन के प्रवक्ता ल्यू डालियांग ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चीन गंभीर वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन वो झुकेगा नहीं. उन्होंने चीन की विविध निर्यात रणनीतियों और विशाल घरेलू बाजार की ताकत पर भरोसा जताया. चीन के पास आने वाले वर्षों में और भी बड़े बाजार विस्तार की संभावनाएं हैं.

रणनीति या संयोग?

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस समय वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया के क्षेत्रीय दौरे पर हैं. ये दौरे पहले से तय थे, लेकिन मौजूदा टैरिफ वॉर के बीच इनका महत्व और बढ़ गया है. शी का उद्देश्य अन्य एशियाई देशों के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत करना है, जिससे अमेरिका पर निर्भरता को और कम किया जा सके. वियतनाम के साथ चीन का निर्यात मार्च में 17% बढ़ा, जबकि आयात में गिरावट आई, जो इस रणनीति को और मजबूत करता है.

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