ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्ज़ा करने की कोशिश करने वाली कट्टरपंथियो गतिविधियों से निपटने के लिए उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है। गुरुवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में 'प्रधानमंत्री के सवालों' के जवाब में सुनक ने संसद में आतंकवाद की नई परिभाषा पेश किए जाने की खबरों का जिक्र किया और जोर देकर कहा कि नई रणनीति अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित नहीं करेगी। उग्रवादी गतिविधियां बढ़ीं
प्रतिबंध लगाने की उम्मीद
नए उपायों से उन समूहों या व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की उम्मीद है जो असहिष्णुता, घृणा या हिंसा पर आधारित विचारधाराओं को बढ़ावा देते हैं और स्पष्ट रूप से निर्धारित करते हैं कि ब्रिटिश सरकार किन समूहों और व्यक्तियों को समर्थन या फंड दे सकती है। सुनक ने कहा, "वास्तव में कट्टरपंथियों गतिविधियों में वृद्धि हुई है जो हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।"
यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास इस खतरे से निपटने के लिए उपकरण हों। उन्होंने कहा कि यह निजी और शांतिपूर्ण विचार रखने वालों को चुप कराने के बारे में बिल्कुल नहीं है। न ही यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा, जिसकी रक्षा के लिए हम सदन की ओर से सदैव प्रयासरत रहेंगे।