तहव्वुर राणा के भारत पहुंचने से पहले पाकिस्तान ने झाड़ा पलड़ा, पड़ोसी मुल्क ने दी प्रतिक्रिया

पाकिस्तान विदेश कार्यालय द्वारा दिए गए बयान में कहा गया कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है. उसकी कनाडाई राष्ट्रीयता बहुत स्पष्ट है.

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Courtesy: Social Media

Tahawwur Rana: मुंबई आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा महज कुछ समय में भारत पहुंचने वाला है. NIA  के अधिकारी अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण में जुटे हैं. इसी बीच राणा को लेकर पाकिस्तान की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने भारत पर हुए सबसे भयावह आतंकी हमलों में से एक के मुख्य आरोपी से खुद को अलग कर लिया है.

पाकिस्तान विदेश कार्यालय द्वारा दिए गए बयान में कहा गया कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है. उसकी कनाडाई राष्ट्रीयता बहुत स्पष्ट है.

पाकिस्तान को राज खुलने का डर

तहव्वुर राणा ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए भारत ना भेजे जाने की अपील की थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया. जिसके बाद आज उसे भारत लाया जा रहा है. इसी बीच राणा के भारत पहुंचने से पहले पाकिस्तान ने अपना रास्ता अलग कर लिया है. पाकिस्तान खुद को उससे दूर कर रहा है क्योंकि तहव्वुर राणा के पाकिस्तानी सेना के साथ-साथ आईएसआई से संबंध एक खुला रहस्य है. पाकिस्तान को डर है कि राणा मुंबई हमलों की साजिश में उनके देश की भूमिका के बारे में खुलासा कर सकता है. याद दिला दें कि राणा पाकिस्तान सेना के मेडिकल टीम में कार्यरत था. जिसके बाद अमेरिका में शिफ्ट हो गया. इस दौरान उसने कनाडा की नागरिकता ले ली थी. 

जेल में बढ़ाई गी सुरक्षा

पाकिस्तान में जन्म लेने वाले तहव्वुर राणा, जिसे अमेरिका से प्रत्यर्पित किया जा रहा है उसके भारत में लाने के बाद दिल्ली के तिहाड़ सेंट्रल जेल में रखा जाएगा. मिल रही जानकारी के मुताबिक जेल और उसके आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. से जेल में रखने के लिए आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं. वहीं मामले की सुनवाई के लिए उसे ऑनलाइन अदालत के सामने पेश किया जाएगा. राणा पर आरोप है कि वो 11 से 21 नवंबर, 2008 के बीच दुबई के रास्ते मुंबई पहुंचा था. माना जाता है कि पवई में होटल रेनेसां में ठहरने के दौरान उसने हमलों के लिए रसद तैयारियों की समीक्षा की थी. उसके बाद 26 नवंबर को हुए हमले किए गए. जिसमें 170 से अधिक लोग मारे गए.