कट्टरपंथ के साये में बांग्लादेश! महिलाओं के फुटबॉल खेलने पर रोक, सरकार चुप

बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतें हावी होती जा रही हैं और अब यह देश अफगानिस्तान की राह पर बढ़ता दिख रहा है. ताजा मामला महिलाओं के फुटबॉल खेलने को लेकर सामने आया है, जहां कट्टरपंथियों ने इसे इस्लाम विरोधी करार देते हुए मैच को जबरन रद्द करा दिया. हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ उस बांग्लादेश में हो रहा है, जहां नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की सरकार सत्ता में है.

Date Updated
फॉलो करें:

Bangladesh: बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतें हावी होती जा रही हैं और अब यह देश अफगानिस्तान की राह पर बढ़ता दिख रहा है. ताजा मामला महिलाओं के फुटबॉल खेलने को लेकर सामने आया है, जहां कट्टरपंथियों ने इसे इस्लाम विरोधी करार देते हुए मैच को जबरन रद्द करा दिया. हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ उस बांग्लादेश में हो रहा है, जहां नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की सरकार सत्ता में है. पहले हिंदू समाज के कार्यक्रमों को निशाना बनाया जाता था, लेकिन अब मुस्लिम महिलाओं के लिए भी सार्वजनिक जीवन मुश्किल बना दिया गया है.

महिला फुटबॉल मैच पर कट्टरपंथियों का हमला

पिछले हफ्ते बांग्लादेश में एक मशहूर फ़िल्म अभिनेत्री के रेस्टोरेंट के उद्घाटन समारोह में कट्टरपंथियों ने बाधा डाली थी. अब ताज़ा मामले में जयपुरहाट के तिलकपुर रेलवे स्टेशन के पास मदरसा छात्रों और दूसरे कट्टरपंथी समूहों ने महिला फ़ुटबॉल मैच को अनैतिक बताते हुए इस्लाम के ख़िलाफ़ बताया. कट्टरपंथियों ने चेतावनी दी कि इस्लाम हमें महिलाओं को मर्यादा में रखना सिखाता है. महिलाओं के खेलों को बढ़ावा देकर अनैतिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है. अगर इसे नहीं रोका गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

स्टेडियम में तोड़फोड़

इसके बाद कट्टरपंथी तत्व फुटबॉल मैदान में घुस आए और जमकर तोड़फोड़ की. दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने इस पूरी घटना का फेसबुक पर लाइव प्रसारण भी किया, ताकि भविष्य में किसी भी महिला कार्यक्रम को रोका जा सके. इतना ही नहीं, हकीमपुर उपजिला में होने वाले एक अन्य महिला फुटबॉल मैच को लेकर भी कट्टरपंथियों और आयोजकों के बीच झड़प हुई, जिसमें करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए.

सरकार की दोहरी नीति

बांग्लादेश सरकार जब विपक्षी प्रदर्शनकारियों को देखती है तो सख्ती बरतती है और अराजकता के नाम पर उन पर कार्रवाई करती है. लेकिन जब कट्टरपंथी महिलाओं के अधिकारों का हनन करते हैं, उनके कार्यक्रम रद्द कराते हैं और खेल आयोजनों को तोड़फोड़ कर बंद कराते हैं, तो सरकार चुप्पी साध लेती है. यह घटनाएं संकेत दे रही हैं कि यदि हालात नहीं बदले, तो बांग्लादेश भी धीरे-धीरे अफगानिस्तान बनने की राह पर बढ़ सकता है.