विपक्षी नेता को गिरफ्तार करना मौजूदा सरकार को पड़ा महंगा, 24 घंटे में डूबी करेंसी

तुर्की में विपक्षी नेता की गिरफ्तारी ने सत्तारूढ़ सरकार के साथ-साथ देश की व्यवस्था को भी हिलाकर रख दिया है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने यह कल्पना भी नहीं की होगी कि उनके विपक्ष की गिरफ्तारी से उनका तख्तापलट हो सकता है और देश की मुद्रा को भी बड़ा झटका लग सकता है.

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Turkey opposition leader arrest: तुर्की में विपक्षी नेता की गिरफ्तारी ने सत्तारूढ़ सरकार के साथ-साथ देश की व्यवस्था को भी हिलाकर रख दिया है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने यह कल्पना भी नहीं की होगी कि उनके विपक्ष की गिरफ्तारी से उनका तख्तापलट हो सकता है और देश की मुद्रा को भी बड़ा झटका लग सकता है.

क्या है पूरा मामला 

दरअसल, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने देश के विपक्षी नेता और इस्तांबुल के मेयर एक्रेम इमामोग्लू को गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद देश में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. उनकी गिरफ्तारी ने देश की व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है. तुर्की के राष्ट्रपति ने इसकी कल्पना भी नहीं की थी. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना ​​है कि उनकी गिरफ्तारी से मौजूदा सरकार का तख्तापलट हो सकता है. तुर्की की मुद्रा महज 24 घंटे के भीतर डूब गई.

तुर्की की मौजूदा सरकार के विपक्षी रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) नेता और इस्तांबुल के मेयर एक्रेम इमामोग्लू की गिरफ़्तारी के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं. इन विरोध प्रदर्शनों के चलते देश की मुद्रा 'लीरा' में एक दिन में 2.6 प्रतिशत की गिरावट आई है. इससे पहले इसने 12.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करके रिकॉर्ड बनाया था.

क्यों किया गया गिरफ्तार?

अब लोग हैरान हैं कि आखिर उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया. मौजूदा सरकार ने पहले उनपर एक आतंकवादी समूह की मदद करने और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इस दौरान सिर्फ़ उन्हें ही नहीं बल्कि उनके साथ 100 अन्य लोगों को भी गिरफ़्तार किया गया था. इस सूची में व्यवसायी, पत्रकार और राजनेता सभी शामिल थे.

इस गिरफ्तारी के बाद माहौल इस हद तक बिगड़ गया कि इस्तांबुल गवर्नर ऑफिस ने शहर में विरोध प्रदर्शनों पर चार दिन का प्रतिबंध लगा दिया है. उधर, गिरफ्तारी के बाद इमामोग्लू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर कहा कि देश के लोगों की आवाज को कोई दबा नहीं सकता.