Tariff War: ट्रंप की ‘जैसा का तैसा’ नीति से घबराए देश, व्हाइट हाउस से मांग रहे राहत

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'पारस्परिक टैरिफ' नीति ने बड़े स्तर पर हलचल मचा दी है. इस नीति से बचने के लिए कई देश व्हाइट हाउस का दरवाजा खटखटा रहे हैं.

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Trump tariff policy: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'पारस्परिक टैरिफ' नीति ने बड़े स्तर पर हलचल मचा दी है. इस नीति से बचने के लिए कई देश व्हाइट हाउस का दरवाजा खटखटा रहे हैं. इस बात की जानकारी ट्रंप ने खुद दी, उन्होंने कहा कि वह इन देशों के साथ अलग-अलग समझौतों पर विचार करने को तैयार हैं, लेकिन शर्त यह है कि बदले में अमेरिका को भी कुछ लाभ मिलना चाहिए.

ट्रंप दे दिया बयान

शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने खुलासा किया कि ब्रिटेन समेत कई देशों ने उनसे संपर्क किया है. ये देश पारस्परिक टैरिफ़ और नए व्यापार सौदों से राहत की उम्मीद कर रहे हैं. ट्रंप ने कहा कि वे सौदे करना चाहते हैं. अगर हमें इन सौदों के बदले में कुछ मिलता है, तो संभव है कि हम उनके प्रस्तावों को स्वीकार कर लें. अगर हम कुछ ऐसा कर सकते हैं जिससे हमें बदले में कुछ मिले, तो यह निश्चित रूप से किया जाएगा. 

रेसिप्रोकल टैरिफ क्या है?

ट्रंप प्रशासन 2 अप्रैल से लागू होने वाली इस नीति के तहत उन देशों पर समान टैरिफ लगाएगा, जो अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क वसूलते हैं. इस घोषणा के बाद से कई देशों ने अपने टैरिफ में कटौती शुरू कर दी है, जिसमें भारत भी शामिल है. यह नीति वैश्विक व्यापार को प्रभावित करने वाली एक बड़ी रणनीति मानी जा रही है.

यूरोपीय संघ (EU) भी इस टैरिफ से बचने के लिए रणनीति बना रहा है. EU अधिकारियों ने अमेरिका के साथ निवेश बढ़ाने, टैरिफ कम करने और नियमों को सरल बनाने का मसौदा तैयार करना शुरू कर दिया है. हालांकि, वाशिंगटन में हुई बैठक में अमेरिकी अधिकारियों ने साफ कर दिया कि नए ऑटो और रेसिप्रोकल टैरिफ को टाला नहीं जा सकता.