IVF Alternatives: IVF (In Vitro Fertilization) प्रक्रिया में जुड़वा बच्चों का जन्म होने की संभावना सामान्य गर्भधारण की तुलना में अधिक होती है. इसका कारण यह है कि आईवीएफ में गर्भधारण की सफलता दर बढ़ाने के लिए अक्सर एक से अधिक भ्रूण (Embryo) को गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है. ऐसे में यदि दोनों भ्रूण विकसित होते हैं, तो जुड़वा बच्चों का जन्म हो सकता है. शोध के अनुसार, आईवीएफ के जरिए गर्भधारण में जुड़वा बच्चों की संभावना करीब 20-30% तक हो सकती है.
IVF प्रक्रिया है सुरक्षित?
हालांकि आईवीएफ के जरिए जुड़वा बच्चों का जन्म होना संभव है, लेकिन यह प्रक्रिया चुनौतियों से भी भरी हो सकती है. जुड़वा गर्भावस्था में गर्भवती महिला को हाई ब्लड प्रेशर, गर्भकालीन डायबिटीज और प्री-मैच्योर डिलीवरी जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए डॉक्टर आमतौर पर एक भ्रूण प्रत्यारोपण को प्राथमिकता देते हैं, ताकि जटिलताओं को कम किया जा सके.
Single Embryo Transfer (SET)
अगर आप जटिलताओं से बचना चाहते हैं, तो सिंगल एंब्रियो ट्रांसफर (SET) एक सुरक्षित विकल्प है. इस प्रक्रिया में केवल एक भ्रूण गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है, जिससे जुड़वा या उससे अधिक गर्भावस्था का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा, भ्रूण के चयन के लिए पीजीटी (प्रि-इम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग) का उपयोग भी किया जा सकता है, जिससे स्वस्थ भ्रूण का चयन किया जाता है.
आईवीएफ में जुड़वा बच्चों का होना संभव है, लेकिन इसके लिए सही विकल्प और मार्गदर्शन का चयन बेहद जरूरी है. किसी भी निर्णय से पहले डॉक्टर से परामर्श लें और संभावित जोखिमों के बारे में जानकारी प्राप्त करें.