मांसपेशियों की चर्बी हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकती है, चाहे BMI कुछ भी हो, जानिए पूरी खबर

नए शोध के अनुसार, जिन लोगों की मांसपेशियों के अंदर वसा की थैली छिपी होती है, उनमें दिल का दौरा पड़ने या दिल का दौरा पड़ने के कारण मरने या अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम अधिक होता है, भले ही उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) कुछ भी हो.

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Courtesy: social media

नए शोध के अनुसार, जिन लोगों की मांसपेशियों के अंदर वसा की थैली छिपी होती है, उनमें दिल का दौरा पड़ने या दिल का दौरा पड़ने के कारण मरने या अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम अधिक होता है, भले ही उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) कुछ भी हो.

यह अध्ययन हृदय रोग पर वसायुक्त मांसपेशियों के प्रभावों की व्यापक जांच करने वाला पहला अध्ययन है. निष्कर्षों में यह साक्ष्य भी शामिल है कि मौजूदा माप, जैसे कि बीएमआई या कमर की परिधि, सभी के लिए हृदय रोग के जोखिम का सटीक मूल्यांकन करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.

इस शोध का नेतृत्व प्रोफेसर विवियन टैक्वेटी ने किया, जो ब्रिघम एंड विमेन्स हॉस्पिटल में कार्डियक स्ट्रेस प्रयोगशाला के निदेशक और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, बोस्टन, अमेरिका में संकाय सदस्य हैं.

"मोटापा अब हृदय स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े वैश्विक खतरों में से एक है, फिर भी बीएमआई - मोटापे को परिभाषित करने और हस्तक्षेप के लिए सीमाओं के लिए हमारा मुख्य मीट्रिक - हृदय रोग के निदान का एक विवादास्पद और त्रुटिपूर्ण मार्कर बना हुआ है. यह महिलाओं के लिए विशेष रूप से सच है, जहां एक उच्च बीएमआई अधिक 'सौम्य' प्रकार के वसा को दर्शा सकता है", टैक्वेटी ने बताया.

उन्होंने कहा, "शरीर की अधिकांश मांसपेशियों में अंतरपेशीय वसा पाई जा सकती है, लेकिन वसा की मात्रा व्यक्तियों के बीच व्यापक रूप से भिन्न होती है. हमारे शोध में, हम मांसपेशियों और विभिन्न प्रकार की वसा का विश्लेषण करते हैं ताकि यह समझा जा सके कि शरीर की संरचना हृदय की छोटी रक्त वाहिकाओं, या 'माइक्रोकिरकुलेशन' को कैसे प्रभावित कर सकती है, साथ ही भविष्य में दिल की विफलता, दिल का दौरा और मृत्यु के जोखिम को भी प्रभावित कर सकती है."

अध्ययन में 669 व्यक्तियों को शामिल किया गया था, जिनका ब्रिघम एवं महिला अस्पताल में सीने में दर्द और/या सांस लेने में तकलीफ के लिए मूल्यांकन किया गया था, जिनमें अवरोधक कोरोनरी धमनी रोग का कोई सबूत नहीं पाया गया.

लगभग छह वर्षों तक मरीजों पर नजर रखी गई, जिसके दौरान शोधकर्ताओं ने यह रिकॉर्ड किया कि क्या किसी प्रतिभागी की मृत्यु हुई या क्या उन्हें दिल का दौरा पड़ने या दिल का दौरा पड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.

अध्ययन से पता चला कि जिन व्यक्तियों की मांसपेशियों में वसा की मात्रा अधिक होती है, उनमें हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचने की संभावना अधिक होती है (कोरोनरी माइक्रोवैस्कुलर डिसफंक्शन, या CMD). हृदय रोग के कारण उनकी मृत्यु होने या अस्पताल में भर्ती होने की संभावना भी अधिक होती है.

(इस खबर को सलाम हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)