दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से बच्चों को कैसे रखें सुरक्षित, जानें जरूरी टिप्स

Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है, जिससे उन्हें अस्थमा, कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता, मानसिक विकास में कमी, शारीरिक कमज़ोरी और कैंसर का ख़तरा हो सकता है. बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए उनके बाहर जाने का समय सीमित करें, उन्हें N95 मास्क पहनाएँ, पौष्टिक भोजन दें और घर की हवा को स्वच्छ रखें.

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Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे मंडरा रहे हैं. हर साल सर्दियों में पराली जलाने, वाहनों के धुएं और अन्य प्रदूषणकारी गतिविधियों के कारण दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में हवा जहरीली हो जाती है. आज, 30 अक्टूबर को बवाना का AQI 317, नरेला का 302, बुराड़ी का 292, द्वारका का 275 और रोहिणी का 292 दर्ज किया गया है, जो बेहद खतरनाक है. दिवाली के बाद पटाखों से यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है. आइए जानते हैं कि बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रदूषण का क्या असर पड़ता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.

प्रदूषण का बच्चों के स्वास्थ्य पर असर

  • फेफड़ों पर बुरा असर: प्रदूषित हवा में मौजूद हानिकारक कण और गैसें, जैसे नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड, बच्चों के फेफड़ों को कमजोर बना सकती हैं. इससे बच्चों को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
  • रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होना: लगातार प्रदूषण के संपर्क में रहने से बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिससे वे जल्दी बीमार पड़ सकते हैं और सर्दी, खांसी, और सांस संबंधी अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
  • मानसिक विकास पर असर: प्रदूषण में मौजूद टॉक्सिन्स बच्चों के मस्तिष्क के विकास में बाधा डाल सकते हैं, जिससे उनकी एकाग्रता और याददाश्त पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
  • शारीरिक विकास में बाधा: प्रदूषित हवा बच्चों के शारीरिक विकास पर भी असर डाल सकती है, जैसे कि विकास में रुकावट, कम वजन और शारीरिक कमजोरी.
  • कैंसर का खतरा: बच्चों में कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है क्योंकि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता वयस्कों के मुकाबले कमजोर होती है.

बच्चों को प्रदूषण से बचाने के उपाय

  1. बाहर खेलने का समय सीमित करें: बच्चों को बाहर खेलने या अन्य बाहरी गतिविधियों से बचाएं. कोशिश करें कि वे ज्यादातर घर के अंदर ही रहें ताकि उन्हें कम प्रदूषण का सामना करना पड़े.
  2. मास्क पहनाएं: अगर बाहर जाना जरूरी हो तो बच्चों को N95 मास्क पहनाएं, जो हानिकारक कणों से उन्हें सुरक्षित रखने में मदद करेगा.
  3. घर की हवा को साफ रखें: घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और एलोवेरा, स्नेक प्लांट जैसे एयर-प्यूरीफाइंग पौधे लगाएं जो हवा को शुद्ध करते हैं.
  4. पौष्टिक आहार दें: बच्चों को विटामिन-सी, ओमेगा-3 फैटी एसिड और जिंक युक्त आहार दें जो उनकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए. उन्हें पर्याप्त पानी भी पिलाएं ताकि उनका शरीर डिटॉक्स हो सके.
  5. खिड़कियां बंद रखें: सुबह और शाम के समय, जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है, खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें ताकि बाहर की दूषित हवा घर में प्रवेश न कर सके.