'आशा है अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा...', अमेरिका से हटने पर WHO प्रमुख ने जताई चिंता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के WHO से अलग होने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने एक्स पर कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को संगठन से अलग होने की अमेरिका की घोषणा पर खेद है.

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US pulls out of WHO: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के WHO से अलग होने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने एक्स पर कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को संगठन से अलग होने की अमेरिका की घोषणा पर खेद है. WHO बीमारियों के मूल कारणों को खत्म करने, मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियों का निर्माण करने और आपात स्थितियों और बीमारी के प्रकोप का पता लगाने, रोकने और उनका जवाब देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह खतरनाक क्षेत्रों में काम करता है जहाँ दूसरे नहीं पहुंच सकते.

अमेरिका का WHO से दूसरा अलगाव प्रयास

डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर डब्ल्यूएचओ से अमेरिका को अलग करने की प्रक्रिया शुरू की. यह दूसरी बार है जब पिछले पांच वर्षों में अमेरिका ने इस वैश्विक संगठन से अलग होने का कदम उठाया है. गेब्रेयसस ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका 1948 में डब्ल्यूएचओ का संस्थापक सदस्य बना और तब से संगठन के काम को आकार देने में सक्रिय रहा. सात दशकों से अधिक समय तक, डब्ल्यूएचओ और अमेरिका ने मिलकर अनगिनत जिंदगियां बचाईं और स्वास्थ्य खतरों से सुरक्षा दी. हमने चेचक को समाप्त किया और पोलियो को खत्म करने की कगार पर पहुंचाया.

WHO प्रमुख की अपील

गेब्रेयसस ने आगे कहा कि हम आशा करते हैं कि अमेरिका इस फैसले पर पुनर्विचार करेगा और डब्ल्यूएचओ के साथ अपनी साझेदारी बनाए रखेगा. यह करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए जरूरी है. ट्रंप ने कहा कि जब मैं यहां था, हमने डब्ल्यूएचओ को 500 मिलियन डॉलर दिए. चीन, जिसकी आबादी 1.4 अरब है, उसने सिर्फ 39 मिलियन डॉलर का योगदान दिया. यह अनुचित लगा, इसलिए हमने इसे खत्म किया.