'4 घंटे में ₹25 लाख...', सैफ अली खान के कैशलेस इलाज पर उठे सवाल, जानें पूरा मामला

कुछ दिन पहले बॉलीवुड सुपरस्टार सैफ अली खान के घर में अंजना नाम की एक शख्स ने घुसकर उन पर हमला कर दिया था. इसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 6 दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई और वे घर आ गए. बांद्रा स्थित लीलावती अस्पताल में अभिनेता सैफ अली खान के कैशलेस इलाज के लिए 25 लाख रुपये की जल्द मंजूरी ने मेडिकल क्षेत्र में सवाल खड़े कर दिए हैं.

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Saif Ali Khan ₹25 lakh Cashless Treatment Controversy: कुछ दिन पहले बॉलीवुड सुपरस्टार सैफ अली खान के घर में अंजना नाम की एक शख्स ने घुसकर उन पर हमला कर दिया था. इसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 6 दिन बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई और वे घर आ गए. बांद्रा स्थित लीलावती अस्पताल में अभिनेता सैफ अली खान के कैशलेस इलाज के लिए 25 लाख रुपये की जल्द मंजूरी ने मेडिकल क्षेत्र में सवाल खड़े कर दिए हैं. इस मामले को लेकर एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स (AMC), जिसके 14,000 सदस्य हैं, ने भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) को शिकायती पत्र लिखा है.

4 घंटे के भीतर 25 लाख रुपये की मंजूरी

अपने पत्र में AMC ने कहा कि यह मामला मशहूर हस्तियों के लिए वरीयता को दर्शाता है, जबकि आम पॉलिसी धारकों को ऐसी सुविधा शायद ही कभी मिलती है. उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ सर्जन ने बताया कि अस्पताल को आवेदन करने के 4 घंटे के भीतर 25 लाख रुपये की मंजूरी मिल गई, जो बेहद असामान्य है. इतनी बड़ी राशि और इतनी तेज गति से मंजूरी स्वास्थ्य क्षेत्र में दुर्लभ है, आमतौर पर व्यक्तिगत पॉलिसीधारकों को शुरुआत में केवल 50,000 रुपये तक की मंजूरी दी जाती है. एएमसी ने कहा कि यह प्रवृत्ति चिंताजनक है, जहां मशहूर हस्तियों और हाई-प्रोफाइल रोगियों को बेहतर शर्तें और अधिक कैशलेस सीमा मिलती है, जबकि आम नागरिकों को कम कवरेज और कम प्रतिपूर्ति दरों का सामना करना पड़ता है.

AMC के लीगल सेल के प्रमुख ने दी जानकारी 

AMC के मेडिको-लीगल सेल के प्रमुख डॉ. सुधीर नाइक ने कहा कि हम कॉरपोरेट अस्पतालों या सेलिब्रिटी के खिलाफ नहीं हैं. हम बस इतना चाहते हैं कि नर्सिंग होम में इलाज कराने वाले आम मरीजों को भी वही सुविधाएं मिलें. एएमसी का कहना है कि बीमा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की जरूरत है. छोटे नर्सिंग होम को कैशलेस विकल्प देने में परेशानी होती है, जबकि कॉरपोरेट अस्पतालों को उसी प्रक्रिया और सर्जन के लिए लाखों खर्च करने पड़ते हैं. एएमसी ने कहा कि बीमा सभी के लिए सुरक्षा का साधन होना चाहिए. सेलिब्रिटी के आधार पर प्राथमिकता देने से भेदभावपूर्ण दोहरी व्यवस्था बनती है.