यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया की टिप्पणी पर विवाद गहराता जा रहा है. मुंबई पुलिस ने मंगलवार को उनके घर पहुंचकर जांच शुरू कर दी. इस मामले में देशभर में कई पुलिस शिकायतें दर्ज की गई हैं और यह मुद्दा संसद तक पहुंच चुका है. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी इसमें घसीटा जा रहा है.
क्या है पूरा मामला?
यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया कॉमेडियन समय रैना के शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' में बतौर जज शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने एक प्रतिभागी के माता-पिता को लेकर टिप्पणी की, जिससे विवाद खड़ा हो गया. शो में उनके साथ अपूर्वा माखीजा और अन्य कंटेंट क्रिएटर्स भी मौजूद थे.
मुंबई और असम में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना को जांच में शामिल होने के लिए कहा है. अपूर्वा माखीजा और अन्य जुड़े लोगों का भी नाम इस एफआईआर में शामिल किया गया है.
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
मामले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने प्रतिक्रिया दी है. सरमा ने जानकारी दी कि इस मामले में रणवीर अल्लाहबादिया, आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह, अपूर्वा माखीजा और समय रैना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे सोच-समझकर ही किसी व्यक्ति को प्रमोट करें. उन्होंने पिछले साल मोदी द्वारा रणवीर को 'डिजिटल क्रिएटर्स अवॉर्ड' देने की भी आलोचना की.
वीडियो हटाने की कार्रवाई
रणवीर अल्लाहबादिया ने विवाद बढ़ने के बाद माफी मांगी और कहा कि कॉमेडी उनकी शैली नहीं है और उन्होंने गलती की है. उन्होंने कहा कि मेरी टिप्पणी न केवल अनुचित थी, बल्कि मजाकिया भी नहीं थी. कॉमेडी मेरा क्षेत्र नहीं है, मैं बस माफी मांगने के लिए यहां हूं. शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मुद्दे को संसद और आईटी स्टैंडिंग कमेटी में उठाने की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर ये कंटेंट क्रिएटर्स खुद को नियंत्रित नहीं करेंगे, तो सरकार को दखल देना पड़ेगा.
सोशल मीडिया और मनोरंजन जगत
गायक बी प्राक ने रणवीर अल्लाहबादिया के शो में आने का कार्यक्रम रद्द कर दिया. उन्होंने स्टैंड-अप कॉमेडियन्स को सतर्क रहने की सलाह दी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह विवादास्पद वीडियो यूट्यूब से हटा दिया गया है, और कहा जा रहा है कि इसे सरकार के निर्देश पर हटाया गया. राजपूत करणी सेना सहित कई संगठनों ने इस टिप्पणी की निंदा की है और इसे 'भारतीय संस्कृति के खिलाफ' बताया है.