Pankaj Tripathi: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने अपनी मेहनत और अद्भुत अभिनय से इंडस्ट्री में एक मजबूत पहचान बनाई है. पंकज के बारे में कम ही लोग जानते हैं कि उनका असली नाम पंकज तिवारी था, लेकिन सफलता की चाहत ने उन्हें अपना सरनेम बदलने के लिए प्रेरित किया. उनका मानना था कि सफलता के पीछे शायद कोई सरनेम का असर हो सकता है.
बचपन में था सरनेम बदलने का विचार
पंकज का कहना है कि बचपन में उनके पिता का नाम 'पंडित बनारस तिवारी' था और उनके दो चाचा थे, जिनके नाम थे पंडित राम नरेश त्रिपाठी और पंडित काशीनाथ त्रिपाठी. पंकज ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उनके एक चाचा पटना सचिवालय में बड़े अधिकारी बन गए थे और दूसरे चाचा प्रोफेसर बन गए थे. इस बात को लेकर पंकज को लगता था कि शायद सफलता में सरनेम का भी हाथ है.
जब पंकज दसवीं कक्षा का बोर्ड फार्म भर रहे थे, तो उन्होंने अपना सरनेम चुपचाप त्रिपाठी कर लिया और अपने पिता का नाम भी बदलकर बनारस त्रिपाठी कर दिया. पंकज त्रिपाठी कहते हैं, "मैं ऐसा पहला बेटा हूं जिसने अपने पिता का सरनेम बदला है."
पंकज त्रिपाठी की सफलता की कहानी
पंकज त्रिपाठी का यह निर्णय उनके जीवन में एक अहम मोड़ साबित हुआ. आज वह बॉलीवुड के सबसे बड़े और सम्मानित अभिनेता हैं. उन्होंने अपनी अभिनय की कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है. उनकी शानदार फिल्मों की लिस्ट में "गैंग्स ऑफ वासेपुर", "न्यूटन", "स्त्री" और "पंकज त्रिपाठी" की उपस्थिति है.
आने वाली फिल्में
पंकज त्रिपाठी अपनी आने वाली फिल्मों के लिए भी चर्चा में हैं. वह 2025 में रिलीज होने वाली तेलुगू फिल्म "ठग लाइफ" में नजर आने वाले हैं. इस फिल्म में पंकज के साथ सिलंबरासन और तृषा कृष्णन भी अहम भूमिका में होंगे. इसके अलावा, वह डायरेक्टर अनुराग बासु की म्यूजिकल रोमांटिक फिल्म "मेट्रो इन दिनों" में भी महत्वपूर्ण किरदार निभाते हुए नजर आएंगे. इस फिल्म में आदित्य रॉय कपूर और सारा अली खान मुख्य भूमिका में हैं, जबकि अनुपम खेर और नीना गुप्ता भी अहम किरदार निभाएंगे.
पंकज त्रिपाठी का जीवन और करियर यह साबित करता है कि यदि किसी के पास कड़ी मेहनत और सही दिशा हो तो वह किसी भी नाम या उपनाम के बिना भी सफलता प्राप्त कर सकता है. उनकी प्रेरणादायक यात्रा और फिल्मी करियर हमेशा हमें यह सिखाता है कि कोई भी सफलता की राह आसान नहीं होती, लेकिन हिम्मत और आत्मविश्वास से बड़ी से बड़ी मुश्किल भी आसान हो जाती है.