Fateh Day 1 Prediction: जनवरी का महीना हमेशा से ही बॉलीवुड के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है. इसे अक्सर जनवरी का अभिशाप कहा जाता है, क्योंकि साल की शुरुआत में रिलीज़ होने वाली फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस पर उम्मीद से कम प्रदर्शन करती हैं.
हालांकि गुरु (2007), उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक (2019) और तान्हाजी: द अनसंग वॉरियर (2020) जैसे कुछ अपवाद भी रहे हैं, लेकिन ज़्यादातर फ़िल्में फ्लॉप साबित हुईं. साल 2025 भी अलग नहीं रहा. सोनू सूद की फ़तेह और राम चरण की गेम चेंजर जैसी बहुप्रतीक्षित फ़िल्में भी इस अभिशाप से बच नहीं पाईं.
फतेह की नाकामी
10 जनवरी 2025 को रिलीज हुई सोनू सूद की फिल्म फ़तेह ने पहले तीन दिनों में सिर्फ ₹6.60 करोड़ कमाए. फिल्म के प्रमोशन और सोनू सूद की सकारात्मक छवि के बावजूद कमज़ोर कहानी ने इसे डुबो दिया. ट्रेड एक्सपर्ट कोमल नाहटा के मुताबिक फ़तेह एक ख़राब फिल्म थी. इसकी कहानी दर्शकों से कनेक्ट नहीं हो पाई.
गेम चेंजर का बड़ा नुकसान
10 जनवरी को रिलीज़ हुई गेम चेंजर 300 करोड़ रुपये के भारी भरकम बजट पर बनी थी. राम चरण और निर्देशक एस. शंकर की जोड़ी से काफ़ी उम्मीदें थीं. हालांकि फ़िल्म ने अपने पहले तीन दिनों में 89 करोड़ रुपये कमाए, लेकिन इतनी बड़ी लागत के लिए यह आँकड़ा पर्याप्त नहीं था. मिश्रित समीक्षा और कमजोर माउथ पब्लिसिटी ने फ़िल्म को बुरी तरह प्रभावित किया.
क्यों जारी है ये ट्रेंड?
ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक कि दिसंबर में भारी भरकम खर्च के बाद जनवरी में लोग कम खर्च करते हैं. साथ ही काम और पढ़ाई शुरू होने की वजह से दर्शकों के पास फिल्म देखने का समय नहीं होता. हालांकि, उनका मानना है कि इस अभिशाप को तोड़ने के लिए दमदार कंटेंट की जरूरत है.
जनवरी का महीना फिल्म निर्माताओं के लिए एक खाली रिलीज विंडो प्रदान करता है, लेकिन यह जोखिम से भी भरा होता है. फतेह और गेम चेंजर की असफलता इस बात का सबूत है कि सिर्फ बड़े बजट और प्रमोशन से सफलता नहीं मिलती. सही कंटेंट और रणनीति के साथ जनवरी में भी उरी और तान्हाजी जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाई जा सकती हैं.